आनंद और सत्कर्म दोनों भाव हमारे मन में : आचार्य अनिल

Must Read

कलश यात्रा के साथ विष्णु कुंज श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान शुरू

कोरबा (आधार स्तम्भ)। भगवान की भक्ति मन की शांति के बाद प्रकट होती है। आनंद और सत्कर्म दोनों ऐसे भाव हैं जो बाजार में कहीं भी नहीं मिलेगा और ये दोनों भाव हमारे मन में है। मानव जीवन का प्रथम लक्ष्य आनंद की प्राप्ति होना चाहिए। आनंद की प्राप्ति सत्कर्म से होती है इसके बाद ही ब्रह्मानंद को को प्राप्त किया जा सकता है।

यह बात गुप्ता परिवार की ओर से विष्णु कुंज अमरैयापारा में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान के प्रथम दिवस आचार्य अनिल शुक्ला ने व्यासमंच से कही। उन्होने कहा कि भागवत कथा का श्रवण सौभाग्य से मिलता है। आत्मकल्याण के लिए आयोजित को सुनने के ईष्ट मित्र सगे संबंधी आते सभी आते हैंं। इस तरह यह आयोजन अपने आप सर्वकल्याण में परिवर्तित हो जाता है। कथा आयोजन के पूर्व कलश यात्रा निकाली गई। जिसमें गुप्ता परिवार सहित आसपास की महिलाओं व युवतियों ने उत्साह से भाग लिया। कलश यात्रा कथा स्थल अमैरयापारा से शुरू होकर शारदा विहार कालोनी का भ्रमण करते हुए मुड़ापार स्थित मुड़ादाई मंदिर सरोवर पहुंची। यहां पूजन अनुष्ठान के बाद वापसी कलशयात्रा बायपासमार्ग से होते हुए पुन: कथा स्थल तक पहंची। इस दौरान कलश यात्रा का श्रद्धालुओं ने जगह-जगह स्वागत किया। सात दिन तक चलने वाली कथा के प्रथम दिवस आचार्य भागवगत कथा महिमा का बखान किया। भक्ति कथाज्ञान आयोजन को लेकर गुप्ता परिवार सहित क्षेत्र वासियों उत्साह देखा जा रहा है। कथा आयोजन के दूसरे दिन परीक्षित जन्म की कथा के साथ वराह चरित्र का व्याख्यान किया जाएगा।

Latest News

यह तस्वीर कोरबा की है….मनमानी हो या मजबूरी,पर डराती जरूर है

कोरबा (आधार स्तंभ) : कोरबा जिले में यातायात नियमों का पालन कर वाहन चालन की सख्त हिदायतों के बाद...

More Articles Like This

- Advertisement -