रायगढ़ (आधार स्तंभ) : छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिला में श्री राम फायनेंस कार्पोरेशन घरघोड़ा की शाखा में 1 करोड़ 30 लाख 50 हजार रुपए की धोखाधड़ी की गई है। इसमें यहां के तीन कर्मचारी अपने साथी एजेंटो के साथ मिलकर घटना को अंजाम दिया। 26 ग्राहकों को फर्जी तरीके से व्यापार लोन दिलाया। इसकी जानकारी कंपनी के मैनेजर को लगी, तो उसने थाना में रिपोर्ट दर्ज कराया है। मामला घरघोड़ा थाना क्षेत्र का है।
रायपुर जिला के बांसटाल तिल्दा हाई स्कूल रोड का रहने वाला राकेश तिवारी 35 साल ने थाना में रिपोर्ट दर्ज कराते हुए बताया कि वह श्री राम फायनेंस कॉपोरेशन प्रायवेट लिमिटेड रायपुर के लीगल डिपार्टमेंट में मैनेजर के पद पर पदस्थ है।
उनकी फायनेंस कंपनी का मुख्यालय रायपुर शंकर नगर में स्थित है। इसी फायनेंस कंपनी की शाखा घरघोड़ा थाना क्षेत्र के रायगढ़ रोड घरघोड़ा स्कूल सामने स्थित है।
कंपनी द्वारा ग्राहकों को व्यापार ऋण, दो पहिया ऋण तथा व्यक्तिगत ऋण की सुविधा प्रदान करती है। जहां 12 सितबंर 2017 से लेकर 15 मार्च 2019 तक घरघोड़ा निवासी विरेन्द्र प्रताप पुरसेठ 30 साल, छोटे गुमड़ा निवासी खेमराज गुप्ता 37 और तमनार का रहने वाला सुधीर निषाद 31 साल उनकी कंपनी में पहले सेल्स मैनेजर फिर ब्रांच पर कार्यरत रहे।
साल 2019 में राकेश तिवारी को जानकारी मिली कि इन तीनों कर्मचारियों के द्वारा 26 ग्राहको को कपंनी से व्यापार लोन दिलाया गया था।
जिसमें किसी अन्य व्यक्तियों की व्यवासयिक संस्थान को खुद का संस्थान बताकर अपने साथी एजेंटों के साथ मिलकर फर्जी दस्तावेजों को सत्यापित कराकर 1 करोड़ 30 लाख 50 हजार का गबन किया गया है।
जिसके बाद उन तीनों कर्मचारियों को पूर्व में समझाईश देकर लोन राशि को क्लीयर करने कहा गया था, लेकिन उन्होंने लोन की राशि वसूली नहीं की।
ऐसे में कंपनी द्वारा राकेश तिवारी को 15 जनवरी 2025 को मामले में जांच करने कहा गया। ऐसे में राकेश तिवारी, विकास वर्मा, प्रवीण सोनी व सौरभ कलार मिलकर सभी ग्राहको को ढूंढकर उनसे पूछताछ किए।
तब पता चला कि सभी ग्राहकों के द्वारा विरेन्द्र प्रताप पुरसेठ, खेमराज गुप्ता और सुधीर निषाद से मिलकर लोन प्राप्त किया है। लोन देने के लिए उन कर्मचारियों द्वारा अवैध रकम मांग कर ग्राहकों का कोई व्यवसायिक संस्थान न होते हुए भी अन्य व्यवसायिक संस्थान का फोटो ऋण दस्तावेजों में संलग्न कर सत्यापित किया गया।
जांच दौरान जानकारी मिला कि उनके साथी एजेंट राजकुमार साहू, मदनसुंदर साहू, खेमराज पटेल, नीलाम्बर यादव, नीलांचल गुप्ता, संजय गुप्ता व रामकुमार पोर्ते ने फर्जी तरीके से लोन की राशि गबन करने में उनका साथ दिया गया।
ऐसे में राकेश तिवारी ने मामले की जानकारी अपने कंपनी में देते हुए शनिवार को थाना में रिपोर्ट दर्ज कराया। जहां पुलिस ने मामले में विरेन्द्र प्रताप पुरसेठ, खेमराज गुप्ता और सुधीर निषाद के अलावा उनके साथी एजेंटो के खिलाफ धारा 120-B-IPC, 419-IPC, 420-IPC, 467-IPC, 468-IPC, 470-IPC, 471-IPC के तहत अपराध दर्ज कर मामले को विवेचना में लिया है।
26 ग्राहको को दूसरे की संस्थान को खुद का संस्थान बताकर लोन दिलाया गया। जिसमें खरसिया के जैमुरा निवासी हेमंत कुमार पटेल, धौराभांठा निवासी छबिशंकर गुप्ता, बहिरकेला निवासी सुलित राठिया, भालूमुड़ा निवासी पिताबंर राठिया को ग्राहक बनाया गया।
इसके अलावा हिंझर निवासी शंकर लाल यादव, नवागढ़ निवासी धनसाय गोड़, कसडोल निवासी मनोज गुप्ता, पाली निवासी भगत राम खंडित, महलोई निवासी गंगाराम मिर्धा, बड़े गुमड़ा निवासी धनुराज गुप्ता को ग्राहक बनाकर लोन दिलाया गया।
साथ ही कया निवासी उदयचंद पटेल, एडुकला छाल निवासी लेखराम यादव, बहिरकेला निवासी बलवंत सिंह राठिया, नवापारा निवासी मुरली मनोहर, भालूमार निवासी हेमसागर पंडा, बड़े गुमड़ा निवासी डोलनारायण चैधरी, नवागढ़ निवासी रमेश गोड़ को ग्राहक बना कर लोन दिलाया।
भकुर्रा निवासी सदानंद पटेल, बांधापाली खीरसागर चौधरी, चिर्रामुड़ा रतनलाल सिदार, तिलाईपाली निवासी परशुराम गुप्ता, कया निवासी संतोष कुमार राठिया, कया निवासी हेमकुमार राठिया, गोढ़ी निवासी खिरोद सिंह नायक, खुरूसलेंगा निवासी मंगलसाय राठिया, मिलुपारा निवासी जीधनराम चौहान शामिल है। बताया जा रहा है कि इसमें कुछ को हिस्सेदारी दी गई, तो कुछ ग्राहको का राशि एजेंट उन्हें दिए ही नहीं।



