गेवरा खदान के स्टॉक से हो रही कोयले के जगह मिट्टी और पत्थर का सप्लाई,पावर प्लांट और लिफ्टर को लग रही चपत,किस पर तय होगी जवाबदेही ????

Must Read

 

कुछ स्टॉक तो सिर्फ मिट्टी और पत्थर का,किस पर तय होगी जवाबदेही

कोरबा-गेवरा(आधार स्तंभ) :  विश्व की दूसरी सबसे बड़ी कोल खदान में शुमार कोरबा जिले की गेवरा परियोजना खदान से कोयला के स्थान पर मिट्टी और शैल पत्थर की सप्लाई किए जाने का आरोप लगा है। उत्पादन और लदान का रिकार्ड बनाने के चक्कर में कुछ भी सप्लाई कर रहे हैं जिसका खामियाजा सम्बन्धितों को भुगतना पड़ रहा है। खदान क्षेत्र मौजूद डिस्पेच का कोल स्टॉक हकीकत बयां कर रहा है।

ताजा तस्वीरें गेवरा खदान के ओल्ड दीपका स्टॉक की है, जहां बड़े पैमाने पर कोयला के स्थान पर मिट्टी मिक्स शैल पत्थर का स्टॉक जमा कर रखा गया है। इसे ट्रेलर और ट्रकों में लोडकर में पावर प्लांटों को सप्लाई किया जा रहा है। इन ट्रकों में लोड कोयला जब पावर प्लांट्स पहुंचता है तो उक्त कोयले की गुणवत्ता की जांच की जाती है, जिसमें कोयले की जीसीवी 3200 (कोयले की गुणवत्ता) के आसपास आ रही है, जबकि गेवरा खदान के कोयले की जीसीवी 3800 से 4000 होनी चाहिए,ऐसे में रोडसेल के माध्यम से पॉवर प्लांट को भेजे जा रहे कोयले की गुणवत्ता में कमी की वजह से डिओ होल्डर के पैसे काटे जा रहे हैं।

डीओ होल्डरों का कहना है कि गेवरा प्रबंधन के द्वारा दिए जा रहे खराब कोयला की वजह से उनका पेमेंट पावर प्लांट वाले काट रहे हैं और बहुत बड़ा नुकसान उठाना पड़ रहा है। उन्हे प्रति ट्रक 20 हजार से 30 हजार रुपए की आर्थिक क्षति हो रही है। इधर गेवरा प्रबंधन अपने कोल उत्पादन और डिस्पेच लक्ष्य को पूर्ण करने कोयले के साथ-साथ बड़े पैमाने पर मिट्टी और शैल पत्थर का स्टॉक जमा कर रही है, जिसे रोडसेल द्वारा डीओ होल्डरों को लोडिंग के लिए मजबूर किया जा रहा है। कोल क्षेत्र से जुड़े अधिकारियों का लिफ्टरो से कहना है कि अभी बारिश में ऐसा ही कोयला मिलेगा, लोड करना है तो करो नहीं तो ना करो। खदान में कई स्थानों में स्टॉक को देखने पर ऐसा लगता है कि ये गिट्टी खदान है ना कि कोयला खदान।

सूत्र बताते हैं कि गेवरा खदान से जी- 11 ग्रेड के कोयले का उत्पादन के साथ-साथ इनसिमबेंड कोयला (पथरीला कोयला) का भी उत्पादन हो रहा है,इस इनसिमबेंड स्टॉक को रखने के लिए गेवरा परियोजना के पास कोई अलग से स्थान नहीं बनाया गया है। ऐसे में इसी खराब कोयले को अच्छे कोयले के साथ मिक्स कर भेजा जा रहा है जिससे कोल लिफ्टरो के साथ-साथ बिजली प्लांट को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। कोल लिफ्टर इसकी शिकायत कई बार गेवरा प्रबंधन से अधिकारियों से कर चुके हैं परंतु कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है,वहीं कई पावर प्लांट भी अब आगे आकर गेवरा प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए शिकायत की बात कह रहे हैं।

 

Latest News

उपसंचालक पंचायत जैसे महत्वपूर्ण पद सहायक परियोजना अधिकारी के भरोसे, प्रशासन की कार्यप्रणाली पर उठा सवाल

कोरबा (आधार स्तंभ) : कोरबा जिला छत्तीसगढ में राजस्व के मामले में अपना अलग पहचान रखता है। यहाँ जिम्मेदार...

More Articles Like This

- Advertisement -