विस्थापन और मुआवज़ा को लेकर पूर्व मंत्री जय सिंह अग्रवाल का बड़ा बयान, SECL और प्रशासन पर लगाए गंभीर आरोप

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कोरबा: छत्तीसगढ़ के पूर्व राजस्व मंत्री जय सिंह अग्रवाल ने शनिवार को कोयलांचल क्षेत्र के जटराज और कुसमुंडा का दौरा किया। उन्होंने खनन प्रभावित ग्रामीणों से मिलकर उनकी समस्याएं सुनीं और SECL व प्रशासन पर दमनकारी रवैये का आरोप लगाया।

पूर्व मंत्री ने इमलीछापर में सड़क चौड़ीकरण के नाम पर 11 मकानों को बरसात के दौरान तोड़े जाने की आलोचना की। उन्होंने इसे अमानवीय बताया और कहा कि बुजुर्गों और बीमारों को बिना वैकल्पिक व्यवस्था के बेघर कर दिया गया।

अग्रवाल ने बताया कि जटराज गांव की ज़मीन 2009-10 में अधिग्रहित की गई थी, लेकिन कब्जा अब लिया जा रहा है।  मुआवज़ा पुराने नियमों से दिया जा रहा है, जबकि रोजगार देने में नई नीति अपनाई जा रही है। इससे ग्रामीणों को नुकसान हो रहा है।

 

 

इमलीछापर की पीड़िता सिंधु जायसवाल ने बताया कि मकान गिराने के बाद दो महीने में नया मकान देने का वादा किया गया था, जो अब तक पूरा नहीं हुआ। वे किराए के मकान में मजबूरी में रह रही हैं।

खनन में चोरी पर सवाल

जय सिंह अग्रवाल ने SECL और पुलिस पर डीज़ल व कोयले की करोड़ों की चोरी रोकने में विफल रहने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि इन पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।

केंद्रीय मंत्री पर हमला

पूर्व मंत्री ने केंद्रीय कोयला राज्य मंत्री सतीश दुबे के जंगल काटने संबंधी बयान को आपत्तिजनक बताया और कहा कि यह पर्यावरण व आदिवासी हितों के खिलाफ है।

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