कोरबा(आधार स्तंभ) : मध्य प्रदेश प्रान्त के सिंगरौली जिले के मोरवा थाना क्षेत्र में किराए के मकान में रह रही कोरबा जिले के ग्राम रलिया निवासी युवती पुष्पांजलि महंत की हत्या कर दी गई। उसका शव उसके कमरे में खिड़की में बांधे गए फंदे में फंसा हुआ और फर्श पर बैठी हुई नग्न हालत में मिला। उसके साथ दुष्कर्म के बाद हत्या कर देने का आरोप परिजन लगा रहे हैं। स्थानीय सिंगरौली पुलिस पर कई गम्भीर आरोप लगाए जा रहे हैं कि वह शुरू से ही सहयोग नहीं कर रही। स्थानीय पुलिस की लापरवाही और संवेदनहीनता के कारण न सिर्फ परिजन परेशान होते रहे बल्कि मोरबी के अस्पताल में पोस्टमार्टम कराने में 3 दिन तक बेवजह का विलम्ब किया गया ताकि शव डीकम्पोज (खराब) हो सके। बिना प्रिजर्व किये रखे गए खराब शव को पोस्टमार्टम के लिए रीवा मेडिकल कालेज भेजा गया। किसी तरह परिजन सोमवार को पोस्टमार्टम बाद शव (बिना फ्रीजर की सुविधा) लेकर मंगलवार को गांव लौटे और आज सुबह रलिया मुख्य मार्ग में चक्काजाम कर दिया।
करीब 3 घण्टे प्रदर्शन के बाद शव को सिंगरौली से आये एम्बुलेंस से ही जिला मुख्यालय लाया गया और पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ तिवारी से न्याय की गुहार लगाई। इन्होंने सिंगरौली पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहा है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी अविश्वसनीय हो सकती है, इसलिए कोरबा में शव का दुबारा पोस्टमार्टम होना चाहिए। असहयोग का यह आलम तब है जब छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में भाजपा की ही सरकार है। छत्तीसगढ़ की बेटी के साथ मध्यप्रदेश में हुए अन्याय पर कितना और किस हद तक न्याय मिल पाएगा, यह देखने वाली बात है। इधर जिस बेटी को इंजीनियर बनाने का सपना देखा था, उसकी लाश आने से परिवार में कोहराम मचा है, ऊपर से असहयोग ने दुःख दोहरा कर दिया है।
बहन बनारस जाने निकली, और इधर संदेही ने वारदात कर दिया। पुष्पांजलि के पिता उमेन दास सिंगरौली में कार्यरत थे, जिनका कुछ समय पूर्व निधन हो गया था। मां अनुकंपा नियुक्ति पर कार्यरत है। मृतका की बहन दीपांजली 25 वर्ष जो कि भगत सिंह कालोनी मोहम्मद आसीफ का किराये का मकान थाना मोरवा जिला सिंगरौली (म.प्र.) में अपनी बहन पुष्पांजलि के साथ रह रही थी, उसने घटना और पुलिस कार्रवाई के बारे में बताया कि बहन पुष्पांजली जो भोपाल में पढ़ती थी, वो 21 जून को सुबह सिंगरौली आई उसके बाद दीपांजलि दोपहर में मेडिकल ट्रीटमेंट करवाने बनारस जाने निकली। वनारस पहुंचने वाली थी तब अपनी बहन को कॉल किया तो कॉल नहीं उठाया। कुछ देर बाद फिर कॉल ट्राई किया तो भी कॉल नहीं उठाया, तीसरी बार कॉल में मोबाईल स्विचऑफ आ रहा था। उसकी बहुत फिक्र होने पर अपना सारा काम छोड़के जब मैं सिंगरौली पहुंची औऱ रुम के अंदर अपने दोस्तों के साथ गई व अपनी बहन को तलाशते सबसे लास्ट वाले रुम में गई तो देखा कि बहन को किसी ने गले पर कपड़ा बाँधकर खिड़की से बांधा था। उसके साथ कुछ दोस्त भी थे जिसमें रुम मालिक भी था। दीपांजलि ने अपने घर वालों को फोन किया और पूरी बात बताई। उसने पुलिस को पूरे यक़ीन से एक लड़के का नाम लेते हुए बताया कि उसके न रहने पर वह रुम में जबरदस्ती घुसा और बहन को मारा पीटा है और उसको ब्लैकमेल किया है उससे लड़ाई झगड़ा किया है और बहन को मारकर उसको बिना कपड़े के सबसे लास्ट वाले रुम पे खिड़की से बांधकर भाग गया।
दीपांजलि ने बताया कि वह मोरवा थाना परिसर में घरवालों का इंतजार कर रही थी, थाने में रहते-रहते कुछ पुलिस कर्मचारी उस पर दबाव बना रहे थे और वह उस समय इस स्थिति में नहीं थी कि अपना बयान दे। जब शाम को मेरे परिवार वाले पुलिस स्टेशन आये उसके बाद कुछ पुलिस कर्मचारी के साथ अपने रूम पर गये तो अपने मोबाइल से बहन का वीडियो बनाते वक्त महिला पुलिस कर्मी ने उसे थप्पड़ मारा, मोबाईल छीन कर धक्का दे दिया व वीडियो डिलीट करने का दबाव डाला। उसके बाद बड़ी बहन पर हमला किया गया, उसके गलत अंगों पर हाथ डाला गया, फोन छीनने की कोशिश किया गया और नहीं देने पर उसका हाथ मोड़ा गया।