गोमती के मामले में फर्जी नौकरी करने वाले पर आरोप पत्र जारी,72 घण्टे का समय दिया
गोमती का प्रदर्शन स्थगित, शेष परिवार बैठे हैं धरना पर
कोरबा-कुसमुण्डा(आधार स्तंभ) : 3 दिवसीय आंदोलन की चेतावनी के तहत आज सुबह से एसईसीएल कुसमुंडा में मुख्य महाप्रबंधक कार्यालय के मुख्य गेट पर तालाबंद कर गेट के सामने खाट लगाकर हड़िया-बर्तन रखकर रोजगार की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन शुरू किया गया। महिलाओं व पुरुषों ने अपनी मांगों को बुलंद करते हुए एक बार फिर मोर्चा खोलकर कुसमुण्डा प्रबंधन के अधिकारियों को सकते में ला दिया। प्रदर्शन के दौरान एसईसीएल के अधिकारियों के साथ भूविस्थापितों की नोंक-झोंक भी होती रही।
प्रभावित भूविस्थापित गोमती केवट सहित अन्य महिलाओं व उनके परिजनों ने कहा कि जब खदान के लिए उनकी जमीन ले ली गई है तो उनके परिवार को नौकरी क्यों नहीं मिली? गोमती केवट ने बताया कि उसके ससुर के खाता पर कोई दूसरा नौकरी कर रहा है जिसे वह नहीं जानती और परिवार से दूर-दूर तक कोई रिश्ता नहीं है। पिछले बार भी गोमती केवट के आंदोलन के बाद संबंधित व्यक्ति के बारे में जांच पड़ताल कराई गई और इस बार उसके विरुद्ध आरोप पत्र जारी करते हुए सख्त एक्शन लिया जा रहा है।एसईसीएल प्रबंधन की ओर से गोमती केवट को इस आरोप पत्र की जानकारी देते हुए फिलहाल गोमती केवट के धारदार आंदोलन को स्थगित करा पाने में प्रबंधन सफल तो हो गया लेकिन अन्य भूविस्थापित जिन्होंने 8,9 और 10 सितंबर तक धरना प्रदर्शन की चेतावनी दी है, वह मौके पर ही डटे हुए हैं।
जानिए क्या है आरोप पत्र में
जगन्नाथपुर उपक्षेत्र में बतौर फिटर कार्यरत प्रहलाद पिता रमेश पर आरोप है कि वह फर्जी नौकरी कर रहा है। उसे जारी प्रबन्धन के आरोप पत्र में कहा गया है कि-
श्रीमती गोमती केंवट पति श्री विजय केवट, नरईबोध जेलपारा, पो०-गेवरा बस्ती, जिला-कोरबा (छ०ग०) के द्वारा पत्र संख्या 554 दिनांक 02.07.2025 के माध्यम से यह शिकायत किया गया है कि उनके ससुर रमेश आ० सालिकराम के नाम पर ग्राम-मनगाँव, तहसील-दीपका, जिला-कोरबा (छग) में भूमि खसरा नम्बर 398/2, 398/3, 418/2, 432, 434/3ख, 437, 438/2, 441/2, 441/3 कुल रकबा 4.98 एकड़ भूमि स्थित थी। जिसे एसईसीएल कुसमुण्डा क्षेत्र द्वारा कोयला उत्खनन के लिए अर्जन किया गया है।
उक्त भूमि पर मेरे पति द्वारा सन् 2003-04 में नामांकन फॉर्म जमा किया था। जिसमें मेरे पति को आज तक रोजगार नहीं दिया गया, जिसके कारण मेरे पति कार्यालय का चक्कर लगा कर थक चुके है। कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार यह ज्ञात हुआ कि उक्त खसरे पर प्रहलाद आ० रमेश को दिनांक 18.07.1997 को रोजगार दिया जा चुका है। प्रहलाद का हमारे परिवार से कोई संबंध ही नहीं है न ही वे दूर के रिश्तेदार है अर्थात् हम लोग प्रहलाद को जानते ही नहीं है। प्रहलाद फर्जी तरीके से दस्तावेजों में कुटरचित एसईसीएल के अधिकारियों ने मिली भगत करके एवं जिला प्रशासन को गुमराह करके हमारे जमीन के एवज मिलने वाले रोजगार दिया गया है।
आपके द्वारा किया गया उपरोक्त कार्य कम्पनी में लागू प्रमाणित स्थाई आदेश की निम्न धाराओं के
तहत गम्भीर कदाचार के श्रेणी में आता है, जो निम्नानुसार है:-
26:1 नियोक्ता के व्यापार या सम्पत्ति के साथ चोरी, धोखाधड़ी या बेईमानी।
26:9 अपने रोजगार के सम्बंध में नाम, उम्र, पिता का नाम, योग्यता आदि के सम्बंध में गलत सूचना देना।
अतः आपको यह निर्देशित किया जाता है कि इस पत्र प्राप्ति के 72 घण्टे के अन्दर अधोहस्ताक्षरी के समक्ष उपरोक्त शिकायत के सम्बंध में अपना लिखित स्पष्टीकरण प्रस्तुत करें, कि क्यों ना आपके विरूद्ध कम्पनी के प्रमाणित स्थाई आदेश की उक्त धाराओं तहत् सख्त अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाये। यह आरोप पत्र खदान ओसीएम जगन्नाथपुर ने 5 सितम्बर 2025 को जारी किया है, जिसकी जानकारी आज गोमती को कुसमुण्डा के अधिकारियों ने दी।