शिक्षा विभाग का मनमाना रवैया
कोरबा(आधार स्तंभ) : जिला शिक्षा अधिकारी कोरबा द्वारा शासन के नियमों को दरकिनार कर किया जा रहा मानदेय शिक्षक की भर्ती। शिक्षा विभाग के कार्यप्रणाली पर उठा सवाल। युक्तियुक्तकरण में एक शिक्षक को अतिशेष बताकर भेज दिया अन्य विद्यालय। अब उसी विद्यालय में कर रहे मानदेय शिक्षक की भर्ती।
मामला कोरबा विकासखंड के ग्राम पंचायत गेराँव में स्थित शासकीय प्राथमिक शाला का है। जिला शिक्षा अधिकारी कोरबा द्वारा जारी किए गए मानदेय शिक्षक के विज्ञापन में शासकीय प्राथमिक शाला गेराँव में मानदेय शिक्षक भर्ती के लिए एक पद प्रकाशित किया गया है। जिसके लिए उक्त विद्यालय में एक दर्जन से ज्यादा आवेदन आ चुके हैं जिसमें चयन की प्रक्रिया जारी है।
युक्तियुक्तकरण में एक शिक्षिका का हुआ था तबादला
उक्त विद्यालय में गत सत्र में दर्ज संख्या 54 थी जिसमें तीन शिक्षक कृष्ण प्रसाद दिवाकर (प्रधान पाठक), राधिका जायसवाल और रजनी कुर्रे कार्यरत थे। जिला शिक्षा अधिकारी कोरबा द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 और शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के अनुसार बच्चों की दर्ज संख्या के अनुपात में शिक्षकों की उपलब्धता का हवाला देकर युक्तियुक्तकरण में एक शिक्षिका रजनी कुर्रे को अतिशेष बताया गया। दिनांक 31/05/2025 को जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा आदेश निकालकर उक्त शिक्षिका को कोरबा विकासखंड के शासकीय प्राथमिक शाला गेरांव से करतला विकासखंड के शासकीय प्राथमिक शाला बड़मार विद्यालय में पदस्थ कर दिया गया।
एक शिक्षक को अतिशेष बताकर कर हटाया अब कर रहे मानदेय शिक्षक की भर्ती
जब उस विद्यालय की दर्ज संख्या 54 थी तब एक शिक्षिका को अतिशेष बताकर उसकी पदस्थापना अन्य विद्यालय में कर दिया गया जबकि वर्तमान सत्र में उक्त विद्यालय में दर्ज संख्या पहले से भी कम होकर 47 हो गई है तो वहाँ मानदेय शिक्षक की भर्ती की जा रही है।
आखिर क्या खेल चल रहा शिक्षा विभाग में?
शिक्षा विभाग के सामने आ रहे विसंगतियों से विभाग के युक्तियुक्तकरण और मानदेय शिक्षक भर्ती पर सवाल उठ रहे हैं। पहले भी जब युक्तियुक्तकरण किया गया उसमें बहुत सारे विद्यालयों के खाली सीटों को विलुप्त कर दिया गया था जिसकी वजह से बहुत सारे शिक्षकों को अपने नजदीक के विद्यालयों में सीट खाली होने के बावजूद दूर के विद्यालयों का चयन करना पड़ा। यही कारण है कि युक्तियुक्तकरण के चपेट में आये कई सारे शिक्षक अभी तक पदस्थापित विद्यालयों में कार्यभार ग्रहण नहीं किये हैं तो कई सारे शिक्षक युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया पर आपत्ति जताते हुए कोर्ट की शरण में चले गए हैं, इससे बच्चों की पढ़ाई भी काफी प्रभावित हो रही है। इसके बाद अब मानदेय शिक्षक भर्ती में भी बड़ी गड़बड़ी सामने आ रही है जिसमें युक्तियुक्तकरण में शिक्षक को हटाकर मानदेय शिक्षक की भर्ती की जा रही है।