कोरबा-करतला(आधार स्तंभ) : कोरबा जिले के करतला विकासखंड व जनपद अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत बेहरचुवा में न सिर्फ मनरेगा बल्कि प्रधानमंत्री आवास योजना में भी बड़ा गड़बड़झाला हुआ है। आवास निर्माण योजना में जहां एक आवास के नाम पर जियो टैग से अलग-अलग दर्शाकर रुपए निकालने की चर्चा है तो वहीं एक मामला उजागर हुआ है जिसमें पति-पत्नी के नाम पर दो आवास स्वीकृत किए गए। इसमें एक में आवास तो बनाया किन्तु दूसरे आवास का निर्माण बगैर उसके नाम पर राशि निकाल कर गबन कर ली गई है। मजदूरी की राशि में मनरेगा से गबन हुआ है।
बेहरचुवा में पूर्व में सत्यसंवाद द्वारा उजागर किए गए पक्का फर्श कोटना निर्माण में आर्थिक गड़बड़ी की जांच तो चल रही है लेकिन कार्रवाई अभी तक लंबित है।
सिर्फ रोजगार सहायक राजनंदिनी महन्त ही नहीं बल्कि एक पूरा चैनल इस घोटाले को अंजाम देने में शिद्दत लगा हुआ है जिसमें जनपद से लेकर जिला स्तर पर बैठे मनरेगा के कर्मचारियों की भूमिका को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
प्रधानमंत्री आवास में गड़बड़ी का जो मामला पुष्ट सूत्रों के जरिए सामने आया है उसके मुताबिक- संगीता पति गोपाल दास निवासी बेहरचुंवा के नाम पर प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत हुआ ।जिसका सामाग्री भुगतान दिनांक 08/11/2024 को 40000/- दिनांक 26/12/2024 को 60000/- दिनांक 20/03/2025 को 20000/- एवं 16524/- का मजदूरी भुगतान हो गया। उसके बाद संगीता के पति गोपाल दास पिता सहेत्तर दास निवासी बेहरचुंवा के नाम पर गलत तरीक़े से प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत हुआ जिसमें दिनांक 25/03/2025 को 40000/- एवं दिनांक 11/07/2025 को 55000/- का सामाग्री भुगतान उसके खाते में जबकि गोपाल दास पिता सहेत्तर दास द्वारा किसी भी प्रकार का कोई भी निर्माण नहीं कराया गया। उसके बाद भी फर्जी जियो टैग करके 23490/- का फर्जी मजदूरी भुगतान करा दिया गया जो जांच का विषय हैं जिसमें जनपद के अधिकारियों को सारा जानकारी होने के बाद भी कोई भी कार्यवाही नही किया गया जिससे कई सवाल पैदा हो रहे हैं कि क्या रोजगार सहायक राजनंदनी महंत को फर्जी मजदूरी भुगतान कराने के लिए अपने उच्च अधिकारियों का संरक्षण प्राप्त है