मनरेगा मजदूर आया ट्रैक्टर के चपेट में, हुई मौत

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पाली(आधार स्तंभ) : कोरबा जिले के पाली में रोजगार गारंटी योजना के तहत तालाब गहरीकरण कार्य में मजदूरी कर रहे ग्रामीण की ट्रैक्टर में दबकर मौत हो गई। ग्रामीणों की माने तो मनरेगा के कार्य में नियम विरुद्ध ट्रैक्टर लगाकर उपयोग लिया जा रहा था। सरपंच-सचिव की इसमें मिलीभगत है। पाली पुलिस ने मामला पंजीबद करते हुए जांच आरंभ कर दिया है।

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जनपद पंचायत पाली अंतर्गत ग्राम पंचायत डोंगानाला में रोजगार गारंटी योजना के तहत तालाब गहरीकरण का कार्य चल रहा है जिसमें गांव के श्रमिक ग्रामीण कार्य कर रहे हैं। इसी कार्य में रेवाराम यादव 50 वर्ष भी लगा था। तालाब मे गोदी खोदकर गहरीकरण से निकली मिट्टी को तटबँध में फेंका जा रहा था, जिसमें रेवाराम का अचानक संतुलन बिगड़ गया और वह मिट्टी ढुलाई कर रहे एक ट्रैक्टर की चपेट में आ गया।

जिससे उपस्थित ग्रामीणों में हड़कंप मच गया। मौके पर पंचायत प्रतिनिधि और पंचायत सचिव, रोजगार सहायक भी पहुंचे। जब तक ट्रेक्टर को हटाया जाता ग्रामीण की दबकर मौत हो गई थी। इसकी सूचना पाली थाने में दी गई। मौका मुआयना, पंचनामा आदि वैधानिक कार्रवाई, पोस्टमार्टम की कार्रवाई के बाद मृतक का शव परिजनों को सौंप दिया गया।

श्रमिक के मौत पर लीपापोती हो रही

ग्राम की पूर्व सरपंच श्रीमती पत्रिका खुरसेगा ने इस मौत को संदिग्ध बताते हुए मामले में लीपापोती का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि मनरेगा कार्य में मानव श्रम से कार्य कराया जाता है जिससे ग्रामीणों को रोजगार उपलब्ध हो सके। ऐसे में ट्रैक्टर से मिट्टी ढुलाई कराया जा रहा था जो कि गलत है, इसकी निष्पक्ष जांच कर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।

 मनरेगा कार्य में नहीं लगा था ट्रैक्टर

ग्राम पंचायत डोंगानाला के सचिव जगदीश टेकाम ने कहा कि मनरेगा के कार्य में ट्रैक्टर लगाने की बात गलत है। ट्रैक्टर ग्रामीणों ने लगाया था जिनको तालाब से मिट्टी की जरूरत थी, ट्रैक्टर से मिट्टी ले जाते वक्त दुर्भाग्य से मजदूर के फिसल कर ट्रैक्टर की चपेट में आने से मौत हुई है।

पाली थाना प्रभारी चमन सिन्हा ने कहा है कि मामले में मौके पर मिले साक्ष्य और प्रत्यक्षदर्शीयों के बयान के आधार पर मामले की निष्पक्ष जांच की जा रही है।

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