एरिगेशन की सड़कों को पंचायत का बताकर लाखों हजम,जियो टैग के सहारे बड़ी अफरा-तफरी
ईमानदारी से जांच हुई तो आय से अधिक संपत्ति के दायरे में आ सकता है वर्षों से जमा सचिव
कोरबा-पोड़ी-उपरोड़ा (आधार स्तंभ) : जिले के ग्राम लालपुर पंचायत में भ्रष्टाचार और वित्तीय अनियमितताओं का बड़ा मामला उजागर हो रहा है। पंचायत द्वारा एरिगेशन विभाग की सड़कों को अपनी सड़क दर्शाकर, जियो टैग कर बिना सड़क बनाये ही इस मद की राशि आहरित कर ली गई। संतोष कश्यप के घर से चर्च होते हुए डेम मार्ग पर सड़क का निर्माण एरिगेशन विभाग द्वारा किया गया था, किंतु ग्राम पंचायत ने इसे अपने नाम पर दर्शाकर ₹2,14,353 की राशि निकाल ली। इसी तरह मेन रोड से नया सोसाइटी भवन तक के सीसी रोड को भी पंचायत का बताकर 2 लाख रुपये का भुगतान करा लिया गया। सभी मामलों में सीईओ ने जांच कराने की बात कही है लेकिन यह जांच स्थानीय नहीं बल्कि अन्यत्र से हो तभी,सारा सच सामने आएगा,वरना लीपापोती की पूर्ण संभावना है।
👉🏻 15वें वित्त की राशि में गड़बड़ी

पंचायत में 15वें वित्त आयोग से मिली राशि का भी नियम विरुद्ध उपयोग किया गया है। सूत्र बताते हैं कि नियमानुसार भुगतान सीधे वेंडर या फर्म के खाते में होना चाहिए, लेकिन यहां राशि सीधे सरपंच धनेश्वर सिंह ओरकेरा के खाते में स्थानांतरित की गई। वर्ष 2024-25 में किए गए भुगतान इस प्रकार हैं:- मंच निर्माण हेतु दो बार भुगतान ₹40,000, चबूतरा निर्माण – ₹19,000, सीसी रोड निर्माण सामग्री – ₹74,353, पचरी निर्माण – ₹74,880,सबमर्शीबल पम्प व सिंटेक्स सामग्री – ₹49,900, बोर खनन – ₹1,99,000, बाउंड्री वाल निर्माण – ₹1,19,868, चर्च में बाउंड्री वाल निर्माण – ₹1,20,000, रोड मरम्मत एवं पुलिया सामग्री – ₹50,000, हेंडपम्प हेतु सामग्री – ₹30,000… इसी प्रकार बोर खनन, सबमर्शीबल पम्प, सीमेंट-गिट्टी, सामग्री क्रय और अन्य मदों में भी लाखों रुपये का भुगतान गोलमाल पूर्वक किया गया है।
वर्ष 2023-24 में भी संदिग्ध भुगतान

सीसी रोड निर्माण – ₹49,900 (दो बार), डेम के पास बोर खनन – ₹48,000 (रवि शंकर के खाते में), बोर खनन व सिबल फिटिंग – ₹70,000 (हुसैन पान मसाला के खाते में) ट्रांसफर हुए हैं।
👉🏻भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप
जनपद सूत्रों का कहना है कि यह पूरा खेल सरपंच धनेश्वर सिंह ओरकेरा और कई वर्षों से जमे सचिव मोहम्मद हसन ने आपसी सांठगांठ से रचा है। एरिगेशन की बनी सड़कों को पंचायत का बताकर भुगतान लेना और 15वें वित्त की राशि को नियम विरुद्ध सरपंच के खाते में डालना सीधे-सीधे भ्रष्टाचार को दर्शाता है। ग्रामीणों ने इस मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। उनका कहना है कि पंचायत की राशि का उपयोग विकास कार्यों में नहीं बल्कि व्यक्तिगत स्वार्थों के लिए किया जा रहा है। हालांकि कुछ राजनितिक दबाव के कारण ग्रामीण खुलकर सामने नहीं आ रहे लेकिन मामले में ईमानदाराना और कलेक्टर की देखरेख में भौतिक सत्यापन हो तो अन्य कई फर्जी कार्य भी मिल सकते हैं।
👉🏻विकासखंड पोड़ी उपरोड़ा के ग्राम पंचायत लालपुर के सरपंच धनेश्वर सिह व सचिव हसन अली के द्वारा विकास कार्यो
में कूटरचना कर लाखों रुपये का बंदरबांट किया गया हैं,इन्होंने फर्जी तरीके से निर्माण कार्यो का जिओ टेग कर तथा बिना कार्य किये लाखो रुपये सीधे अपने निजी खातों में आहरण कर लिए है,इनके ऊपर लगे आरोप कोई हवाहवाई नही है बल्कि दस्तावेज़ोंसे प्रमाणित है जिन्हें झुठलाया नहीं जा सकता।
👉🏻ग्राम पंचायत लालपुर के सरपंच धनेश्वर सिह के निजी खाते में लाखों रुपये का ट्रांजेक्शन हुआ है
वहीं ग्राम सचिव हसन अली इस भ्रष्टाचार के खेल में अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर लाखो रुपये का कमीशन गबन कर गए हैं। इतना ही नही इनका ये खेल पिछले पंचवर्षीय से चला आ रहा है, जब धनेश्वर सिह की पत्नि ग्राम प्रधान रही,उस दौरान भी सरपंच पति ने पंचायत में जमकर भर्राशाही को अंजाम दिया था।
👉🏻इन्होंने 15वे वित्त की राशि का भी जमकर दुरुपयोग किया है,फर्जी जिओ टेग दर्शाकर हजारो-लाखो रुपये का भुगतान
सरपंच धनेश्वर के निजी खाते में हुआ है। बोर के नाम पर फर्जी तरीके से बिना कुछ लागत लगाए ही लाखो रुपये का भुगतान हो गया वो भी निजी खातों में..? इनके भ्रष्टाचार आपके सोच से भी परे है इन्होंने अपने कारनामो को अंजाम देने में कोई कसर नही छोड़ी है। वैसे,दबी जुबान से मांग यह भी है कि सचिव व उसके परिवार की आय और नोकरी के दौरान अर्जित/निर्मित/क्रय संपत्ति की जांच पृथक एजेंसी से कराई जाए। यह भी जांच का विषय है कि काफी वर्षो से वह एक ही पंचायत में क्यों जमाये गए हैं?