फिरौती के इरादे से अपहरण कर हत्या को अंजाम देने वाले तीन आरोपियों को सश्रम कारावास

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कोरबा(आधार स्तंभ) : गांव के ही लोगों ने फिरौती के इरादे से बोलेरो मालिक का अपहरण कर सुनियोजित हत्या और सबूत छिपाने की वारदात को अंजाम दिया था। मामले के सभी 3 आरोपियों को धारा 302, 201,120 बी भादवि में दोषसिद्धि पर सश्रम कारावास की सजा से दण्डित किया गया है। प्रकरण में शासन की तरफ से अतिरिक्त लोक अभियोजक कृष्ण कुमार द्विवेदी ने पैरवी की। तत्कालीन थाना प्रभारी निरीक्षक प्रमोद कुमार डडसेना की मजबूत विवेचना व साक्ष्य संकलन से आरोपियों को बचने का अवसर नहीं मिला।

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जानकारी के अनुसार करतला थाना अंतर्गत ग्राम नवाडीह सेन्द्रीपाली निवासी अमित कुमार साहू पिता दादूलाल साहू 35 वर्ष बुकिंग में गाड़ी चलाने का काम करता था। 14 फरवरी 2024 की रात उसके भाई से फोन नम्बर हासिल कर रात लगभग 10:30 बजे उसे घायल को अस्पताल पहुंचाने की बात कहकर बुलाया गया। घर से निकलने के बाद अमित वापस नहीं लौटा और न उसका फोन लगाया। 15 फरवरी की सुबह लगभग 9 बजे ग्राम औरई से लबेद वन मार्ग पर पत्थर से सिर कुचली और वाहन से शरीर कुचली हुई अमित की लाश भाई को मिली। पुलिस ने मृतक के भाई अजय प्रकाश की रिपोर्ट पर अज्ञात आरोपियों के विरुद्ध हत्या का जुर्म दर्ज कर विवेचना में लिया।

5 अलग-अलग टीम ने की थी मेहनत

मौजूदा पुलिस अधीक्षक सिद्वार्थ तिवारी द्वारा तत्कालीन एएसपी अभिषेक वर्मा एवं डीएसपी अजाक बेनेडिक्ट मिंज के पर्यवेक्षण में 5 टीम का गठन किया गया जिसमें थाना करतला, उरगा व सायबर सेल के प्रभारी एवं कर्मी सहित फॉरेन्सिक एक्सपर्ट, डॉग स्क्वाड शामिल रहे। मौके से बोलेरो, मृतक का मोबाईल फोन, घड़ी, खून से सना पत्थर एवं हुडी कैप जप्त किया गया। टीम ने घटनास्थल का अवलोकन कर विभिन्न बिन्दुओं पर जांच शुरू की। यह भी शंका थी कि घटना का कारण जमीन विवाद, पारिवरिक कलह, आपसी लेनदेन का विवाद और दुश्मनी हो सकता है।

ग्रामीण का मोबाईल लूट कर किया था फोन

टीम को पूछताछ के दौरान जानकारी मिली कि मृतक को फोन करके बोलेरो की बुकिंग कोरबा हॉस्पिटल में मरीज को ब्लड देने जाने के लिए किया गया था। जिस नंबर से फोन आया था वह मोबाईल ग्राम केरवा के व्यक्ति का था, जिससे पूछताछ में पता चला कि काले रंग की स्कूटी में दो अज्ञात व्यक्तियों के द्वारा शाम को बात करने के बहाने उसका मोबाईल फोन लूट लिया गया था। टीम के द्वारा ग्राम केराकछार, नवाडीह, सेंदरीपाली, केरवाद्वारी, फत्तेगंज, गनियारी, औराई, लबेद, रीवापार, तुमान, चिकनीपाली आदि गाँव के लोगों से पूछताछ किया गया। इस दौरान सूचना मिली कि घटना दिनांक के बाद से नवाडीह के तीन व्यक्ति गॉव में नहीं हैं। संदेही पवन पकड़ में आया जिसने साथियों के साथ घटना को अंजाम देना स्वीकार किया। पवन की निशानदेही पर रायपुर से हेमलाल एवं उत्तरप्रदेश के गोरखपुर-नेपाल बॉर्डर से राजेश को पकड़ा गया। आरोपियों को पहचान परेड में मोबाईल लूटने वाले के रूप में पहचाना गया।

पहचान लिए जाने के कारण मार डाला

आरोपियों ने बताया था कि लूटपाट एवं फिरौती की नीयत से अमित को धोखे से बुलाकर अपहरण किये थे। आरोपी यह जानते थे कि उन दोनों भाईयों के पास पैसा रहता है इसलिए योजना बनाकर घटना को अंजाम दिया। मृतक अमित द्वारा आरोपियों को पहचान लेने और पकड़े जाने के डर से बोलेरो वाहन से कुचलकर एवं सिर पर पत्थर पटककर हत्या कर दिये थे। आरोपियों राजेश कुमार लहरे पिता सुघु लहरे 24 वर्ष, हेमलाल दिव्य उर्फ कुशवा पिता चेतन लाल दिव्य 28 वर्ष, पवन कुमार कंवर पिता धरम सिंह कंवर 27 वर्ष सभी निवासी ग्राम नवाडीह सेंदरीपाली थाना करतला को उनके गुनाह की सजा मिल गई है।

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