पन्ना टाइगर रिजर्व में चमत्कार, 57 वर्षीय हथिनी ने जुड़वा शावकों को दिया जन्म

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पन्ना (आधार स्तंभ)  :   मध्य प्रदेश स्थित पन्ना टाइगर रिजर्व इन दिनों उत्साह से भरा है। वजह है 57 वर्ष की बुजुर्ग मादा हथिनी अनारकली, जिसने 21 नवंबर 2025 को जुड़वा मादा शावकों को जन्म देकर इतिहास रच दिया। दोनों शावकों के जन्म में करीब 3 घंटे 30 मिनट का अंतर रहा। यह पहला मौका है जब मध्यप्रदेश में किसी हथिनी ने जुड़वा शावकों को जन्म दिया है।

दुर्लभ घटना, क्योंकि जुड़वा जन्म बहुत कम होते हैं

हाथियों में जुड़वा जन्म बेहद कम देखे जाते हैं। वन विशेषज्ञों के अनुसार ऐसे मामले सामान्यतः एक प्रतिशत से भी कम होते हैं। इसी कारण पन्ना में हुई यह घटना वैज्ञानिकों और वन्यजीव संरक्षण टीम के लिए बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। अधिक उम्र की हथिनियों में गर्भधारण और प्रसव और भी चुनौतीपूर्ण होता है, इसलिए अनारकली का सुरक्षित प्रसव वन्यजीव स्वास्थ्य प्रबंधन की क्षमता को भी दर्शाता है।

कैसी है माँ और बच्चों की स्थिति

रिजर्व प्रबंधन की शुरुआती जानकारी के अनुसार अनारकली और दोनों शावक स्वस्थ हैं। उन्हें विशेष निगरानी में रखा गया है ताकि शुरुआती दिनों में उनके व्यवहार, दूधपान, चलने की क्षमता और वजन में बढ़ोतरी का ठीक से आकलन हो सके। टीम ने बताया कि दोनों शावक एक जैसा व्यवहार दिखा रहे हैं और अनारकली उन्हें लगातार अपनी निगरानी में रख रही है।

संरक्षण प्रयासों को मिला नया भरोसा

यह घटना सिर्फ एक जन्म नहीं, बल्कि संरक्षण प्रयासों की सफलता का संकेत भी है। पन्ना टाइगर रिजर्व बीते वर्षों में बाघों, तेंदुओं और अन्य वन्यजीवों के पुनर्वास के लिए चर्चाओं में रहा है। अब हाथियों के संरक्षण में मिली यह उपलब्धि रिजर्व की कार्यप्रणाली को एक नई पहचान देती है। वन विभाग इसे प्रदेश के लिए गर्व का क्षण मान रहा है और इसका वैज्ञानिक अध्ययन करने की तैयारी भी शुरू कर चुका है ताकि भविष्य में हाथियों की देखभाल की रणनीति और मजबूत हो सके।

स्थानीय समुदाय में खुशी का माहौल

रिजर्व से जुड़े स्थानीय ग्रामीण और महावत इस खबर से बेहद खुश हैं। अनारकली कई वर्षों से रिजर्व का हिस्सा रही है और शांत स्वभाव के कारण स्टाफ के बीच प्रिय मानी जाती है। जुड़वा शावकों के आगमन ने लोगों में उत्साह भर दिया है और जल्द ही रिजर्व प्रशासन इनके नामकरण की प्रक्रिया भी शुरू कर सकता है।

क्यों मायने रखता है यह जन्म

जुड़वा जन्म सिर्फ संख्या नहीं बढ़ाता, वह जंगली हाथियों के आनुवंशिक और व्यवहारिक अध्ययन में नई संभावनाएं खोलता है। इससे यह समझने में मदद मिल सकती है कि बुजुर्ग हथिनियां किन परिस्थितियों में स्वस्थ गर्भधारण कर सकती हैं और कैसे उनकी देखभाल को बेहतर बनाया जा सकता है।

पन्ना टाइगर रिजर्व में जुड़वा मादा शावकों का जन्म सिर्फ एक खुशखबरी नहीं, बल्कि वन्यजीव संरक्षण के लिए नई उम्मीद है। अनारकली और उसके दोनों शावक आने वाले समय में पन्ना के वन परिदृश्य में नई ऊर्जा जोड़ेंगे।

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