कोरबा(आधार स्तंभ) : जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय, कोरबा द्वारा GeM पोर्टल पर जारी किया गया लगभग 10 करोड़ रुपये का टेंडर अब संदेह के घेरे में है। 6400 नग Desk and Bench Set की आपूर्ति हेतु जारी किए गए इस टेंडर (BID NO. GEM/2025/B/6479294) में गंभीर तकनीकी अनियमितताएं सामने आई हैं, जो दर्शाती हैं कि यह पूरी प्रक्रिया किसी “पहले से तय” आपूर्तिकर्ता को लाभ पहुंचाने के लिए तैयार की गई हो सकती है। पिछले 10 वर्षों के कार्यों की जांच करने पर डी एम एफ से करीब 100 करोड़ रुपयों के कार्योंमें भारी भ्रष्टाचार का खुलासा होने का संदेह जताया जा रहा है।
टेंडर प्रक्रिया में सामने आईं बड़ी खामियां
रात 9:58 पर टेंडर जारी — किसके लिए था यह “Midnight Surprise”?
21 जुलाई 2025 को रात 9:58 PM पर टेंडर जारी किया गया। सवाल उठता है कि क्या जिला शिक्षा कार्यालय रात में काम करता है? यह एक असामान्य समय है, जो इस बात की ओर इशारा करता है कि टेंडर को छुपाकर या सीमित लोगों तक पहुंचाने की मंशा हो सकती है।
न डाइमेंशन, न मटेरियल की स्पष्टता
डेस्क-बेंच के आकार (Size, Height, Width, Depth, Length) की जानकारी टेंडर दस्तावेज़ में नहीं दी गई। इसके अलावा केवल “Mild Steel” का उल्लेख किया गया है, लेकिन यह नहीं बताया गया कि फ्रेम CR Pipe से बनेगा या MS Angle से। ये अस्पष्टताएं प्रतिस्पर्धा को खत्म करने जैसा है।
सिर्फ 3 दिन में सैंपल जमा करने का दबाव
टेंडर के जारी होते ही सिर्फ 3 दिन में सैंपल जमा करने की शर्त रखी गई है, जो छत्तीसगढ़ भंडार क्रय नियमों का उल्लंघन है। यह शर्त उन आपूर्तिकर्ताओं को बाहर कर देती है जो समय पर सैंपल नहीं दे सकते, चाहे वे अधिक गुणवत्ता वाले हों।
कैलिब्रेशन सर्टिफिकेट की मांग, पर सामग्री ही स्पष्ट नहीं
ATC के बिंदु क्रमांक 19 में Test & Calibration Certificate मांगा गया है, लेकिन किस-किस आइटम का टेस्ट चाहिए — यह नहीं बताया गया। यह भ्रम की स्थिति पैदा करता है।
MSME और Startup को कोई राहत नहीं
GeM पोर्टल पर अपलोड टेंडर में न MSME इकाइयों को अनुभव व टर्नओवर में छूट दी गई है और न ही स्टार्टअप्स को, जबकि केंद्र सरकार की नीतियां इनका समर्थन करती हैं। यह पूरी तरह नीति के विरुद्ध है।
भौतिक दस्तावेज़ों की मांग — डिजिटल व्यवस्था का अपमान
GeM पोर्टल पूर्णतः डिजिटल प्रक्रिया के लिए है, लेकिन इस टेंडर में सभी दस्तावेजों की हार्ड कॉपी स्पीड पोस्ट से जमा करने की शर्त रखी गई है। यह उन बाहर के आपूर्तिकर्ताओं के लिए रुकावट बनता है जो स्थानीय नहीं हैं।
क्या है बोली की बड़ी बातें:
संस्था: जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय, कोरबा
कुल मात्रा: 6400 नग
अनुमानित लागत: ₹10 करोड़
बोली समाप्ति तिथि: 5 अगस्त 2025
बोली दो भागों में: तकनीकी और वित्तीय
EMD राशि: ₹6,80,000
न्यूनतम टर्नओवर (Bidder): ₹1.5 करोड़ प्रति वर्ष
न्यूनतम टर्नओवर (OEM): ₹7 करोड़ प्रति वर्ष
मांग की गईं अतिरिक्त शर्तें भी संदेहास्पद
तीन वर्षों के GST Returns, Audited Balance Sheet
ISO 14001, 9001, 45001, BIFMA जैसी महंगी प्रमाणन की अनिवार्यता
बिजली बिल, पर्यावरण क्लीयरेंस, उत्पादन प्रमाणपत्र आदि — सभी 3 दिन में
यह टेंडर एक पूर्व नियोजित और फिक्स बोली की तरह प्रतीत होता है। समय, शर्तें, स्पेसिफिकेशन और तकनीकी बाधाएं — सभी किसी “मनपसंद आपूर्तिकर्ता” को फायदा पहुंचाने के संकेत दे रही हैं।
सरकारी पारदर्शिता की बात करने वाली व्यवस्थाएं क्या इस प्रकार की अंधेरी रातों में बोली जारी करने की अनुमति देती हैं? इधर एक्सपोजर मीडिया ने जब जिला शिक्षा अधिकारी ताम्रश्वर उपाध्याय से इस विषय में बात करना चाहा तो उन्होंने कहा कि ” आज छुट्टी है, पूरे प्रदेश में छुट्टी है ” मीडिया ने जब कल 11 बजे बात करना चाहा तो हामी भरी। वही कलेक्टर कोरबा अजीत वसंत ने कॉल नहीं उठाया।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में GeM पोर्टल के माध्यम से एक साल से की जा रहीं अनियमिता चर्चा में हैं और बलौदाबाजार, सरगुजा में कुछ हजार की सामग्री को लाखों में खरीदने का मामला सामने आया है। इसके बाद से सभी जिलों में अनियमिता के मामले सामने आ रहें है।