जंगल में बिना विभागीय अनुमति केजेसीबी से खुदाई कर बिछाया जा रहा मोबाइल कंपनी का केबल, वन विभाग है बेसुद

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कोरबा (आधार स्तंभ)  : जिले के कटघोरा वनमंडल के पसान वन परिक्षेत्र में जंगलों के बीच में सड़क किनारे जेसीबी मशीन से खुदाई कर एयरटेल कंपनी का केबल बिछाया जा रहा है। यहां के बैरा, लैंगा, तनेरा, जलके, रानीअटारी व विजयवेस्ट क्षेत्रों में बिना वैध अनापत्ति प्रमाण पत्र तथा बिना विभागीय अनुमति के यह कार्य चौबीसों घंटे बेखौफ तरीके से किया जा रहा है। कई किलोमीटर की खुदाई के बावजूद वन विभाग इस काम को अब तक रुकवा नहीं सका है।

खुले आम हो रही खुदाई, पर वन अमला अनभिज्ञ
यह पूरा काम कोरबा जिले के पसान परिक्षेत्र के जंगलों में जेसीबी से खुदाई करके हो रहा है और वन विभाग इस मामले से अनभिज्ञ है। विडम्बना ये है कि यह कार्य कोई चोरी छिपे नहीं किया जा रहा है, बल्कि खुलेआम सड़क के किनारे किया जा रहा है, लेकिन इसे रोकने वाला कोई नहीं है।

वन परिक्षेत्र में मशीनों से कार्य प्रतिबंधित

कार्य संबंधित कंपनी द्वारा मजदूरों से कार्य कराने की बजाय मशीनों से किया जा रहा है, जबकि वन क्षेत्र में मशीनों से कार्य करने पर न केवल प्रतिबंध है, बल्कि ऐसा कार्य करते पाए जाने पर उनके खिलाफ कार्यवाही करने का भी प्रावधान है। केबल विस्तारीकरण का यह पूरा कार्य वन क्षेत्र में हो रहा है।

वन क्षेत्र में मशीन का उपयोग किए जाने के लिए बकायदा वनविभाग से अनुमति लेनी होती है, लेकिन संबंधित कंपनी द्वारा वन विभाग से किसी भी प्रकार की कोई अनुमति नहीं ली गई है। बावजूद इसके वन विभाग द्वारा इस मामले में अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। यदि जंगल में जेसीबी से खनन का कार्य हो रहा है तो विभाग को मामले में कार्रवाई कर मशीन जप्ती की कार्यवाही करना चाहिए।

पेड़ों को भी पहुंचाया जा रहा है नुकसान
केबल विस्तारीकरण के दौरान जेसीबी मशीन से खनन होने से जंगल के पेड़ों को भी काफी क्षति पहुंच रही है। बावजूद इसके संबंधित कंपनी पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।

पूर्व रेंजर ने काम को रोकने का किया था प्रयास

बताया जा रहा है कि पूर्व परिक्षेत्र अधिकारी रामनिवास दहायत ने पीओआर काटकर इस खुदाई रोकने के लिए कदम उठाया था, लेकिन वर्तमान परिक्षेत्र अधिकारी मनीष सिंह अपने इलाके में हो रहे अवैध कार्य की जानकारी नहीं होने का नाटक कर मामले को दबाने में जुटे हुए हैं।

खुदाई स्थल की कर रहे हैं खोजबीन : रेंजर

एयरटेल कंपनी का केबल बिछाने का यह काम करीब 10 किलोमीटर तक हो चुका है और इलाके के रेंजर (परिक्षेत्र अधिकारी) मनीष सिंह TRP न्यूज के पूछने पर कहते हैं कि वे जगह को खोजने में जुटे हैं, जहां पर खुदाई हो रही है। रेंजर का यह कथन बेवकूफी भरा नजर आता है। बीच जंगल सड़क किनारे मशीन से खुदाई हो रही है और वन अमले को इसका पता न चले ऐसा कैसे संभव हो सकता है।

इस मामले में कटघोरा के DFO कुमार निशांत का पक्ष जानने की कोशिश की गई मगर उन्होंने फोन रिसीव करने की बजाय काट दिया। इसके बाद उन्हें एसएसएस और व्हाट्सएप भेजकर जानकारी देने का अनुरोध किया गया मगर तब भी उन्होंने कोई रिस्पॉन्स नहीं दिया।

काम को रोककर मशीन को गांव में छिपाया

केबल बिछाने के इस काम में लगी कंपनी के सुपरवाइजर चंचल राठौर ने मीडिया कर्मियों के समक्ष खुले तौर पर कहा कि उसने डिप्टी रेंजर, वन रक्षक से लेकर ऊपर के अफसरों तक को मोटी रकम में खरीद लिया है। तभी तो वह चौबीसों घंटे काम कर रहा है। वहीं जब स्थानीय मीडिया में इस अवैध खुदाई की खबरें आनी शुरू हुई तब सुपरवाइजर ने काम को रुकवा कर जेसीबी मशीन को पास के ग्राम लैंगा में खड़ा करवा दिया है।

उधर पसान के तहसीलदार ने कहा है कि इतने बड़े पैमाने में बगैर अनुमति के कोई कार्य नहीं किया जा सकता। केबल विस्तारीकरण की अनुमति की जानकारी ली जायेगी और कार्यवाही के लिए लिखा जाएगा।बहरहाल यह तय है कि घने जंगलों के बीच सड़क के किनारे केबल बिछाने का यह काम वन अफसरों की मिलीभगत के बिना संभव नहीं है। अब जब यह मामला उजागर हो चुका है तो इसमें क्या कार्यवाही की जाती है, इस पर सभी की नजर रहेगी।

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