रिजिजू का बयान, वक्फ संशोधन बिल पेश न करने पर संसद वक्फ बोर्ड की तरह बन सकती थी

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नई दिल्ली, अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने बुधवार को वक्फ संशोधन बिल 2024 लोकसभा में पेश किया। सुबह 12 बजे से बिल पर 8 घंटे की चर्चा शुरू हुई। बिल के जरिए वक्फ बोर्ड की संपत्तियों को कानूनी दायरे में लाए जाने का प्रस्ताव है।

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बिल पर चर्चा में रिजिजू ने 58 मिनट अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली UPA सरकार ने 5 मार्च 2014 को 123 प्राइम प्रॉपर्टी को दिल्ली वक्फ बोर्ड को ट्रांसफर कर दीं। ऐसा लोकसभा चुनाव से ठीक पहले अल्पसंख्यक वोटों के लिए किया गया, पर चुनाव हार गए।

रिजिजू ने कहा- अगर हमने आज यह संशोधन बिल पेश नहीं किया होता, तो जिस इमारत में हम बैठे हैं, उस पर भी वक्फ संपत्ति होने का दावा किया जा सकता था। अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार सत्ता में नहीं आती तो कई अन्य संपत्तियां भी गैर-अधिसूचित हो गई होतीं।

इसके बाद विपक्ष की ओर से कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई आए। उन्होंने कहा- केंद्रीय मंत्री रिजिजू ने 5 मार्च 2014 को 123 प्राइम प्रॉपर्टी को दिल्ली वक्फ बोर्ड को ट्रांसफर करने का दावा किया। वह पूरा का पूरा मिसलीड है, झूठ है। बिल संविधान के मूल ढांचे पर आक्रमण है।

मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड बोला- बिल पास हुआ तो देशभर में आंदोलन करेंगे ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने बिल पर अपनी कड़ी आपत्ति जताई है। AIMPLB के प्रवक्ता डॉ. सैयद कासिम रसूल इलियास ने बिल की निंदा करते हुए कहा, ‘अगर यह बिल संसद में पास हो जाता है, तो हम इसके खिलाफ देशव्यापी आंदोलन शुरू करेंगे। हम चुप नहीं बैठेंगे। हम अपने पास उपलब्ध सभी कानूनी और संवैधानिक प्रावधानों का उपयोग करेंगे। जब तक प्रस्तावित संशोधन वापस नहीं लिए जाते, हम शांतिपूर्ण आंदोलन चलाएंगे। बिल भेदभावपूर्ण और सांप्रदायिक रूप से प्रेरित है।

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