रायपुर (आधार स्तंभ) : छत्तीसगढ़ सरकार ने नगरपालिका व्यापार अनुज्ञापन (ट्रेड लाइसेंस) नियम को सख्ती से लागू कर दिया है। अब राज्य के सभी नगरीय क्षेत्रों में कोई भी व्यक्ति बिना ट्रेड लाइसेंस लिए व्यापार नहीं कर सकेगा। यदि कोई व्यापारी बिना लाइसेंस कारोबार करते पाया गया, तो दुकान सील कर दी जाएगी और लाइसेंस फीस से दोगुनी राशि जुर्माने के रूप में वसूली जाएगी।
हर दुकानदार को दो महीने में लेना होगा लाइसेंस
सरकार के नए नियम के तहत सभी व्यापारियों को 60 दिनों के भीतर ट्रेड लाइसेंस प्राप्त करना अनिवार्य कर दिया गया है। आवेदन करने पर यदि उसे अस्वीकृत नहीं किया जाता है, तो 15 दिनों के भीतर लाइसेंस प्रदान कर दिया जाएगा। यदि सक्षम अधिकारी 15 दिनों में कोई निर्णय नहीं लेते हैं, तो अनुज्ञप्ति स्वीकृत मानी जाएगी, यानी व्यापारी को स्वचालित रूप से लाइसेंस प्राप्त समझा जाएगा।
बिना लाइसेंस कारोबार पर होगी कड़ी कार्रवाई
किसी भी परिसर में बिना विधिमान्य लाइसेंस के व्यापार करते पाए जाने पर सक्षम अधिकारी को अधिकार है कि वह दुकान या परिसर को सील कर दे। साथ ही, उस श्रेणी के व्यापार पर लागू वार्षिक अनुज्ञप्ति शुल्क का दोगुना जुर्माना वसूला जाएगा।
धुआं, गैस, शोर या गंध से प्रदूषण फैलाने पर भी सजा
नए नियमों में पर्यावरण और स्वास्थ्य सुरक्षा का भी ध्यान रखा गया है। लाइसेंसधारी व्यापारी को यह सुनिश्चित करना होगा कि उसके व्यापार से धुआं, गैस, वाष्प, धूल, गंध या शोर से किसी तरह का प्रदूषण या असुविधा (Nuisance) न फैले। यदि ऐसा पाया गया, तो सक्षम प्राधिकारी व्यापारी के खिलाफ कार्रवाई कर सकता है।
दुकान में लाइसेंस प्रदर्शित करना होगा अनिवार्य
हर व्यवसायी को अपने दुकान या कार्यालय में ट्रेड लाइसेंस की प्रति सहज दृश्य स्थान पर लगाना अनिवार्य किया गया है। इसके साथ ही व्यापारी को केंद्रीय और राज्य सरकार, जिला प्रशासन या नगरपालिका के सभी आदेशों और निर्देशों का पालन करना होगा।
कभी भी हो सकता है निरीक्षण
सक्षम प्राधिकारी को यह अधिकार होगा कि वह किसी भी समय व्यापारिक परिसर का निरीक्षण कर सके। यदि जांच में नियमों का उल्लंघन पाया जाता है, तो व्यापारी को नोटिस देकर सुधार का अवसर दिया जाएगा। नोटिस की अवधि में सुधार नहीं होने पर वार्षिक शुल्क का 50% तक जुर्माना या लाइसेंस रद्द किया जा सकता है।
व्यापारियों में बढ़ी चिंता, प्रशासन सख्त रुख में
सरकार के इस नए नियम ने नगरीय क्षेत्रों के छोटे और मध्यम व्यापारियों में हलचल मचा दी है। कई व्यापारी जहां इसे राजस्व और नियमन के लिए जरूरी कदम बता रहे हैं, वहीं कुछ इसे अत्यधिक दखल और प्रशासनिक दबाव के रूप में देख रहे हैं। नगर निगम अधिकारियों का कहना है कि “ट्रेड लाइसेंस व्यवस्था से न केवल कारोबार पारदर्शी होगा बल्कि कर वसूली और सुरक्षा मानक भी मजबूत होंगे।”



