जांजगीर-चाम्पा(आधार स्तंभ) : दिनांक 06.09.2025 के रात्रि उपसरपंच महेन्द्र बघेल घर नहीं आया है,आस-पास व रिश्तेदारों में भी कोई पता नही चलने पर उपसरपंच के परिजन एवं ग्रामवासियों ने महेन्द्र की पता-तलाश की। कहीं भी नहीं मिलने पर थाना बिर्रा में गुम इंसान दर्ज कराया
⏩ बिर्रा पुलिस को मामले में परिस्थिति संदिग्ध परिलक्षित होने पर तत्काल वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराया गया। मामले की गंभिरता को लेते हुए पुलिस अधीक्षक जांजगीर- चाम्पा विजय पाण्डेय (भापुसे.) के मार्गदर्शन में एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक उमेश कश्यप (रापुसे.) के दिशा- निर्देशन में एवं पुलिस अनुविभागीय अधिकारी चाम्पा यदुमणी सिदार के पर्यवेक्षण में उप सरपंच की पतासाजी की कार्यवाही थाना प्रभारी बिर्रा निरीक्षक जय कुमार साहू के नेतृत्व में प्रारम्भ की गई।
⏩ विवेचना के दौरान पता चला कि उप सरपंच के भाई जितेन्द्र बघेल ने सरपंच पति राजकुमार साहू द्वारा अनहोनी करने का अंदेशा जताया था। इसी आधार पर पुलिस ने संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो ग्राम करही सरपंच पति राजकुमार साहू व उसके अन्य साथियों के द्वारा हत्या कर शव को बरेकेल पुल से महानदी में फेकने की जानकारी सामने आई। पुलिस ने डीडीआरएफ की मदद से महानदी में उप सरपंच महेन्द्र बघेल के शव की तालाश शुरू की। काफी मशक्कत के बाद कुछ पता नहीं चला तब ड्रोन कैमरे की मदद ली गयी और दूर तक शव की तालाश की गयी। इस दौरान 08 सितम्बर को देर शाम डभरा क्षेत्र के साराडीह गांव में उपसरपंच का शव दिखा। कपड़े से उनकी पहचान की गई। उपसरपंच महेन्द्र बघेल के शव को पुलिस ने डभरा चिकित्सालय में रखा। हत्या के 7 आरोपी एवं दो विधि विरुद्ध संघर्षरत बालक को अलग-अलग ठिकानों से हिरासत में लिया गया।
आरोपियों ने बताई हत्या की वजह :-
कड़ी पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि ग्राम करही सरपंच पति ने शासकीय निर्माण कार्य के विवाद व पुरानी रंजिश को लेकर इसे सुनियोजित तरीके से अंजाम दिया। 06 सितम्बर को अपने घर रात्रि 08:45 बजे उपसरपंच को बुलाकर ग्राम के प्राथमिक शाला भवन के पास अपने साथी जितेन्द्र कश्यप व उपसरपंच महेन्द्र बघेल को साथ बैठाकर शराब व बीयर पिलाया। इस दौरान सरपंच पति राजकुमार साहू द्वारा भास्कर मांझी और कान्हा यादव को पीछे से बुलाकर गमछा से गला को घोटकर हत्या कर दिया। इसके बाद अपने भाई राजेन्द्र साहू से घर में खड़ी अल्टो कार क्रमांक सीजी 13 एएफ 8391 को मंगवा कर जितेन्द्र कश्यप, भास्कर मांझी, कान्हा यादव और दुर्गेश को बरेकेल पुल से महानदी में शव फेंकने को कहा और फोन से राजू उर्फ शैलेष एवं एक विधि से संघर्षरत बालक को मौके पर बुलाकर मृतक उपसरपंच महेन्द्र बघेल के नीले पल्सर मोटर सायकल को बुढ़ाराजा खार से लगे महानदी में फेकवा दिया और मौके पर एक विधि विरुद्ध संघर्षरत बालक को बुलाते हुए सभी साक्ष्य को हटाते हुए अपने भाई राजेन्द्र साहू के साथ लुकते-छिपते घर चला गया।
- राजू उर्फ शैलेष कश्यप उर्फ़ राजू कश्यप पिता लीलाधर कश्यप उम्र 24 साल,निवासी कश्यप मोहल्ला करही थाना बिर्रा
- राजेंद्र कुमार साहू पिता रथ राम साहू उम्र 22 साल निवासी कश्यप मोहल्ला ग्राम करही थाना बिर्रा
- दुर्गेश आदिल्य पिता तुलाराम आदिल्य, 19 साल, वार्ड क्र 01 करही थाना बिर्रा
- जितेंद्र कश्यप पिता लीलाधर कश्यप, 27 साल निवासी ग्राम करही थाना बिर्रा
- कान्हा यादव पिता राम प्रसाद यादव, 20 साल ग्राम करही थाना बिर्रा
- भास्कर मांझी पिता मोहन मांझी, 24 साल निवासी बाजार चौक ग्राम करही थाना बिर्रा
- राजकुमार साहू पिता रथ राम साहू, 29 साल निवासी कश्यप चौक ग्राम करही थाना बिर्रा
⏩ उक्त कार्यवाही में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक उमेश कश्यप के मार्गदर्शन में गठित टीम के सदस्य यदुमणी सिदार अनुविभागीय अधिकारी पुलिस चाम्पा, जितेन्द्र कुमार खुटे उप पुलिस अधीक्षक अजाक प्रभारी, निरीक्षक जय कुमार साहू थाना प्रभारी बिर्रा, निरीक्षक प्रवीण कुमार द्विवेदी थाना प्रभारी शिवरीनारायण, उप निरीक्षक कृष्णपाल सिंह थाना प्रभारी बम्हनीडीह एवं थाना स्टाफ बिर्रा का सराहनीय योगदान रहा।
✍🏻SDOP सिदार की कलम से-असंभव को संभव बनाने वाली जांजगीर-चांपा पुलिस की सूझबूझ और समर्पण
दिनांक 06/09/2025 की रात्रि को बिर्रा थाना क्षेत्र के ग्राम करही के उपसरपंच महेंद्र बघेल के लापता होने से शुरू हुई चिंता, धीरे-धीरे पूरे जिले के लिए चुनौती बन गई। प्रारंभिक पतासाजी में ही यह प्रकरण संदिग्ध प्रतीत हुआ और शीघ्र ही आरोपियों की गिरफ्तारी एवं पूछताछ से हत्या कर शव को महानदी के तेज बहाव में फेंके जाने की जानकारी प्राप्त हुई।
महानदी जैसी विशाल और बरसाती दिनों में उफान पर चल रही नदी से शव की बरामदगी एक असंभव कार्य जैसा लग रहा था। लेकिन जांजगीर-चांपा पुलिस ने हार नहीं मानी।पुलिस अधीक्षक जांजगीर-चांपा एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के कुशल मार्गदर्शन में, उप पुलिस अधीक्षक आजाक, थाना बिर्रा, , थाना शिवरीनारायण, थाना बहमनीडीह का बल, कोतवाली का बल,पुलिस लाइन रक्षित केंद्र बल नगर सेना का गोताखोर स्टाफ , फॉरेंसिक टीम,सहित जिले के अन्य थाना/चौकी के अधिकारी-कर्मचारी—सभी ने मिलकर टीमवर्क का परिचय दिया।
लगभग 30-35किलोमीटर के दायरे में लगातार ग्रामीणों से संपर्क, गहन खोजबीन, ड्रोन कैमरे का नवाचार प्रयोग तथा ग्रामीणों के आक्रोश व दबाव के बीच कानून-व्यवस्था को बनाए रखना, ये सब अपने आप में एक कठिन चुनौती थी। आखिरकार टीम की कड़ी मेहनत, धैर्य और रणनीति से महेंद्र बघेल का शव नदी के बीच टापू से बरामद कर लिया गया। विधिक प्रक्रिया पूर्ण कर शव को परिजनों को सौंपा गया और शांतिपूर्वक अंतिम संस्कार सम्पन्न हुआ।
इस कठिन कार्यवाही के दौरान पुलिस ने न केवल अपराधियों को गिरफ्तार कर साक्ष्य जुटाए, बल्कि ग्रामीणों के आक्रोश को भी धैर्यपूर्वक संभालते हुए उनका विश्वास पुनः अर्जित किया।यह उपलब्धि केवल एक कानूनी कार्रवाई नहीं है, बल्कि यह उदाहरण है कि-पुलिस संवेदनशीलता के साथ पीड़ित परिवार के दर्द और आंसुओं को समझना जानती है, जांजगीर-चांपा पुलिस की यह उपलब्धि पूरे बल के लिए प्रेरणा है। यह घटना हमें यह सिखाती है कि कठिन परिस्थितियों में भी हमारी एकजुटता, साहस और जनता के प्रति जिम्मेदारी हमें सफलता दिलाती है।
इस कार्यवाही में शामिल सभी पुलिस अधिकारीगण एवं कर्मचारीगण-आपके त्याग, मेहनत और सूझबूझ को जिला पुलिस परिवार गर्व से सलाम करता है।