प्रदेश में बिजली की डिमांड 4868 मेगावाट तक पहुंच गई, उत्पादन 4500 मेगावाट के करीब ही रहा

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कोरबा(आधार स्तंभ) : एचटीपीपी संयंत्र के 210 मेगावाट की दो नंबर यूनिट के लाइटअप में अभी 10 से 12 दिन का समय लगेगा। मानसून में नियोजित जरूरी रखरखाव का कार्य पूरा नहीं हो पाया है। इस बीच जनरेटर में खराबी आने से संयंत्र के 210 मेगावाट क्षमता का ही एक नंबर इकाई उत्पादन से बाहर हो गई है।
इससे उत्पादन कंपनी का 420मेगावाट उत्पादन घट गया है। मंगलवार की शाम बारिश रुकने पर उमस बढ़ने से बिजली की डिमांड 4500 मेगावाट को पार कर गई। इस कारण बांगो हाइडल प्लांट की एक इकाई से बिजली उत्पादन किया गया।

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मानसून सक्रिय होने के बाद 4 दिनों से जिले में रूक-रूककर बारिश हो रही है लेकिन मंगलवार शाम बारिश थमने से उमस के कारण रात 8.25बजे प्रदेश में बिजली की डिमांड 4868 मेगावाट तक पहुंच गई। जबकि बीते तीन दिन तक बिजली की डिमांड फाल्ट ढूंढने में लगा समय, सुधार में देरी 4500 मेगावाट के करीब ही रहा। इसी दिन जनरेटर में खराबी आने के कारण एचटीपीपी संयंत्र की एक नंबर इकाई उत्पादन से बाहर हो गई। इसकी क्षमता 210 मेगावाट की है। इतने ही क्षमता की संयंत्र की दो नंबर इकाई जरूरी रखरखाव के लिए पहले से बंद है। इन हालात में उत्पादन कंपनी को हाइडल

प्लांट की यूनिट से बिजली बनानी पड़ी। चूंकि हाइडल प्लांट से बिजली बनाने बांगो बांध से नदी में पानी
छोड़ना पड़ता है। मानसून के दस्तक देने के बाद बांगो बांध में पानी की आवक से जलस्तर बढ़ने पर उत्पादन कंपनी ने अब हाइडल प्लांट से बिजली उत्पादन में मदद ली है। एचटीपीपी संयंत्र के एक नंबर इकाई के जनरेटर में फाल्ट आने के बाद उत्पादन से बाहर हुई है। फाल्ट ढूंढने में समय लगने के कारण सुधार कार्य में देरी हुई है। ऐसे में बांगो हाइडल प्लांट की एक इकाई से बिजली उत्पादन करना जरूरी हो गया ताकि महंगे दर पर ली जाने वाली निजी संयंत्रों की अनशेड्यूल बिजली कम लेना पड़े।

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