रजत जयंती वर्ष पर जैजैपुर में महतारी मेगा हेल्थ कैम्प से स्वस्थ्य और पोषण पेटी की नई पहल

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सक्ती (आधार स्छतंभ) : छत्तीसगढ़ राज्य की स्थापना के 25 गौरवशाली वर्ष की विकास यात्रा पर रजत जयंती वर्ष 2025-26 अंतर्गत कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी श्री अमृत विकास तोपनो के निर्देशन में एकीकृत बाल विकास विभाग परियोजना जैजैपुर, जिला सक्ती द्वारा प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना एवं महतारी वंदन योजना के अंतर्गत लाभान्वित हितग्राहियों के द्वारा पोषण पेटी बनवाया गया। रजत जयंती वर्ष 2025-26 के अवसर पर एकीकृत बाल विकास विभाग परियोजना जैजैपुर, जिला सक्ती द्वारा विभाग अंतर्गत संचालित विभिन्न योजनाओं का जमीनी स्तर पर गांव गांव जाकर व्यापक प्रचार प्रसार भी किया जा रहा है। रजत जयंती वर्ष 2025 अंतर्गत एकीकृत बाल विकास परियोजना जैजैपुर में परियोजना स्तर पर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र ठठारी में महतारी मेगा हेल्थ कैम्प का आयोजन हुआ, इस कैम्प में कुल 40 महतारी वंदन, मातृवंदना योजना की हितग्राहीयों का स्वास्थ जॉच अंतर्गत बीपी, शुगर एचबी, टेस्ट व अन्य स्वास्थ्य संबंधित जाँच करवाया गया एवं आवश्यक दवा वितरण हुआ इस कैम्प में उपस्थित महिलाओं का स्वास्थ्य एवं पोषण परामर्श दिया गया। पोषण पेटी बनाने हेतु प्रेरित किया महिला एवं बाल विकास विभाग की 25 वर्षों की उपलब्धि को भी प्रदर्शित किया गया।

बेटी बचाओं, बेटी पढाओं, अभियान के अंतर्गत कार्यकार्ता, सहायिका केन्द्रो में साइकिल रैली निकाली गई आंगनबाडी उन्नयन दिवस में कार्यकार्ता, सहायिका द्वारा केन्द्र की साफ-सफाई किया एवं लर्निंग स्पेस बनाया गया, आंगनबाडी केन्द्र स्तर पर मिट्टी का उपयोग करते हुए आंगनबाडी, कार्यकार्ता सहायिका एवं पालको द्वारा साथ में मिट्टी के खिलौने बनवाया गया जिसका उपयोग आंगनबाडी केंद्रो में गतिविधि आयोजन के लिए किया जा सके। आंगनबाडी केन्द्र स्तर में बाल मेला का अयोजन हुआ आंगनबाडी स्तर ईसीसी दिवस का अयोजन हुआ जिसमें पालको को ईसीसी के महत्व के बारे में जानकारी दिया। बच्चों द्वारा सृजनात्मक गतिविधि के तहत बनाये गये चित्र मिट्टी के खिलौने आदि प्रदर्शनी लगाया गया। रजतजंयती के शुभ अवसर मे प्रत्येक आंगनबाडी कार्यकार्ता द्वारा पोषण पेटी बनवाया गया, पोषण पेटी एक उद्देश्य सिर्फ पोषण पेटी बनवाना ही नहीं बल्कि प्रत्येक हितग्राही से उपयोग करवाना भी है, पोषण पेटी से होने वाले फायदों के बारे में भी बताया गया। इससे हमारे बच्चें स्वस्थ और सुपोषित होंगे, यह लक्ष्य लेकर हमें कार्य करना है। जिससे बच्चा कुपोषण में जाए ही नहीं।

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