मानदेय शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया में भारी अनियमितता
रिपोर्ट : वीरेन्द्र शुक्ला
कोरबा (आधार स्तंभ) : वर्तमान में कोरबा जिले में मानदेय शिक्षकों की भर्ती चर्चा का विषय बनी हुई है। जिसमें वास्तव में भर्ती प्रक्रिया में भारी अनियमितता देखने को मिल रही है। जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा भर्ती मापदंडों को दरकिनार करते हुए तुगलकी फरमान की तरह आदेश जारी कर 7 दिवस के भीतर पूरे जिले के उक्त विद्यालयों से आवेदन जमा लेकर, छटनी करके पात्र अभ्यर्थियों का चयन कर जिला कार्यालय को प्रेषित करने को कहा है।
दरअसल कुछ दिन पहले ही जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा मानदेय शिक्षक के लगभग 464 पदों पर भर्ती के लिए पत्र जारी किया गया जिसमें एक सप्ताह के भीतर अभ्यर्थियों के आवेदन जमा लेकर चयन करके भेजने को कहा गया। इसके लिए शिक्षा विभाग को व्यवस्थित ढंग से विज्ञापन प्रकाशित कर आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि, स्क्रूटनी और दावा आपत्ति की तिथि आदि निर्धारित करना था किंतु ऐसा कुछ भी नहीं किया गया। हालांकि आदेश आते ही अभ्यर्थियों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी लेकिन पारदर्शी रूप से विज्ञापन नही निकलने से सभी के मन मे संशय बना हुआ है।
दूसरी अनियमितता यह है कि उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में सामाजिक अध्ययन के पद निकाले गए हैं जिसमें विषय स्पष्ट नहीं किया गया है। जिसके चलते जब अभ्यर्थी फॉर्म जमा करने जा रहे हैं तो कहीं राजनीति शास्त्र वालों को भूगोल विषय रिक्त है बोलकर आवेदन नहीं लिया जा रहा है तो कहीं भूगोल वालों को राजनीति शास्त्र के पद रिक्त हैं बोलकर गुमराह किया जा रहा है जिसके कारण अभ्यर्थियों में काफी रोष है। अब रिक्त पदों वाले विद्यालयों में आवेदन जमा करके शाला विकास समिति की अनुशंषा से अभ्यर्थियों का चयन भी किया जा रहा है जबकि कोई भी भर्ती की एक निश्चित प्रक्रिया होती है जिसमें आवेदन करने की अंतिम तिथि , आवेदनों की स्कूटनी पश्चात पात्र अपात्र अभ्यर्थियों की सूची जारी करना और दावा आपत्ति के पश्चात चयनित अभ्यर्थियों की नियुक्ति की जाती है। लेकिन डी ई ओ साहब द्वारा जारी आदेश में मानदेय शिक्षकों की भर्ती की जगह व्यवस्था शब्द का प्रयोग किया गया है। जिससे प्रतीत होता है कि अभ्यर्थियों को गुमराह कर मानदेय शिक्षकों की भर्ती की जा रही है। विदित हो कि मानदेय शिक्षकों के वेतन जिला खनिज न्यास निधि से किया जाएगा । पद अनुसार खनिज न्यास से करीब 60 से 70 लाख प्रति माह वेतन के रूप के इन मानदेय शिक्षकों के लिए जारी होगा जो एक बहुत बड़ी राशि है और इतनी बड़ी भर्ती को जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है।