बिलासपुर (आधार स्तंभ )  : मंगलवार की रात बिलासपुर रेल मंडल के अंतर्गत कटनी रूट पर बड़ा रेल हादसा टल गया। बेलगहना यार्ड की कॉमन लूप लाइन नंबर-4 पर रात लगभग 9:30 बजे एक डीजल इंजन के दो पहिए पटरी से उतर गए। हालांकि इस घटना में कोई जनहानि नहीं हुई, लेकिन रेल यातायात घंटों तक प्रभावित रहा और यात्रियों को भारी परेशानी उठानी पड़ी।घटना के बाद रेल अधिकारियों ने तुरंत सुरक्षा नियमों का पालन करते हुए पूरे ट्रैक पर ट्रेनों की आवाजाही रोक दी। इससे दुर्ग-अंबिकापुर एक्सप्रेस, दुर्ग-छपरा सारनाथ एक्सप्रेस, बिलासपुर-भोपाल एक्सप्रेस और दुर्ग-कानपुर एक्सप्रेस सहित कई प्रमुख ट्रेनें विभिन्न स्टेशनों पर रोक दी गईं। कुछ ट्रेनें भाठापारा, निपनिया, तिल्दा और उसलापुर स्टेशनों पर खड़ी रहीं, जबकि कटनी और शहडोल की दिशा से आने वाली गाड़ियां भी अलग-अलग स्टेशनों पर थमी रहीं। अचानक हुई इस स्थिति से यात्रियों को काफी असुविधा का सामना करना पड़ा।
रेलवे प्रशासन ने तुरंत यात्रियों की सुविधा के लिए प्रभावित स्टेशनों पर हेल्प बूथ स्थापित किए। इन बूथों के माध्यम से यात्रियों को ट्रेनों की वर्तमान स्थिति, देरी और संभावित संचालन समय की जानकारी दी जाती रही। वहीं, बुजुर्ग और महिलाओं के लिए पानी व प्राथमिक सहायता की व्यवस्था भी की गई।
जैसे ही घटना की खबर बिलासपुर जोन मुख्यालय पहुंची, रेलवे इंजीनियरिंग विभाग और राहत दल मौके के लिए रवाना हुआ। देर रात तक राहत और मरम्मत कार्य चलता रहा। रेलवे कर्मचारियों ने करीब तीन घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद डीजल इंजन को पुनः पटरी पर चढ़ा दिया। इसके बाद ट्रैक की पूरी तरह से जांच की गई और सुरक्षित पाए जाने पर धीरे-धीरे ट्रेनों की आवाजाही बहाल की गई।
इस घटना के कारण यात्रियों की रात काफी कठिन रही। कई लोगों को गंतव्य तक पहुंचने में देरी हुई। खासकर लंबी दूरी की ट्रेनों के यात्रियों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा। हालांकि, रेलवे प्रशासन ने दावा किया कि स्थिति पर पूरी तरह से नियंत्रण रखा गया और यात्रियों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई।
रेलवे सूत्रों के अनुसार, फिलहाल पटरी से पहिया उतरने के कारणों की जांच की जा रही है। तकनीकी खराबी, यार्ड लाइन की स्थिति या किसी अन्य कारण की वजह से यह घटना हुई, इसका पता जांच पूरी होने के बाद ही चल सकेगा। इंजीनियरिंग विभाग ने यार्ड की लाइन और बुनियादी ढांचे का निरीक्षण शुरू कर दिया है।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए समय-समय पर यार्ड की गहन जांच और रखरखाव आवश्यक है। साथ ही इंजन और कोचों की तकनीकी स्थिति की भी नियमित जांच जरूरी है।रेलवे प्रशासन ने यात्रियों से अपील की है कि किसी भी तरह की असुविधा की स्थिति में हेल्प बूथ और रेलवे हेल्पलाइन का उपयोग करें। साथ ही यात्रियों से धैर्य बनाए रखने की अपील की गई। देर रात तक चले प्रयासों के बाद जब लाइन सामान्य हुई तो यात्रियों ने राहत की सांस ली।
कुल मिलाकर, बेलगहना यार्ड पर हुई यह घटना बड़ी दुर्घटना में बदल सकती थी, लेकिन रेलवे कर्मचारियों की सतर्कता और त्वरित कार्रवाई से स्थिति नियंत्रण में रही। घटना ने एक बार फिर यह साबित किया कि यात्रियों की सुरक्षा रेलवे की सर्वोच्च प्राथमिकता है।