कोरबा (आधार स्तंभ) : भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको), वेदांता की टाउनशिप में बने पुराने क्वार्टर अब पूरी तरह जर्जर हो चुके हैं। कई मकानों की दीवारों में दरारें हैं, छतें टपक रही हैं और बरसात के समय लोग तिरपाल लगाकर किसी तरह रह रहे हैं। बालको प्रबंधन ने सुरक्षा के मद्देनज़र सभी पुराने आवासों के सामने सूचना चस्पा की है कि ये मकान खाली किए जाएं, क्योंकि इनमें रहना अब खतरनाक हो गया है। फिर भी कुछ सेवानिवृत्त कर्मचारी इन मकानों में रहने को मजबूर हैं। कुछ मामलों में विवाद अदालत में लंबित हैं, जबकि कुछ कर्मचारियों का कहना है कि उनके भुगतान रुके हुए हैं। वहीं, कंपनी का कहना है कि लगाए गए सभी आरोप तथ्यहीन और भ्रामक हैं। प्रबंधन ने स्पष्ट किया है कि किसी को परेशान करने का उद्देश्य नहीं है, बल्कि कंपनी की संपत्तियों का पुनः अधिग्रहण आवश्यक है ताकि इन्हें वर्तमान पात्र कर्मचारियों को दिया जा सके।

बालको सेवानिवृत्त मैत्री संघ के संयोजक जे.के. तिवारी ने भी कंपनी के निर्णय का समर्थन करते हुए कहा कि सेवानिवृत्ति के बाद नियमानुसार आवास खाली करना आवश्यक है। कंपनी अपने सभी पुराने कर्मचारियों को परिवार का हिस्सा मानती है, लेकिन नियमों का पालन सबकी जिम्मेदारी है। प्रबंधन ने बताया कि कर्मचारी भविष्य निधि, ग्रेच्युटी और पेंशन जैसी सुविधाएँ वैधानिक अधिकार हैं जिन्हें किसी भी स्थिति में रोका नहीं जा सकता। केवल आवास खाली न करने की स्थिति में कुछ भुगतान अस्थायी रूप से रोके जाते हैं, जो मकान खाली करने के बाद दे दिए जाते हैं। कंपनी ने कहा कि कई पूर्व कर्मचारी वर्षों से बिजली, पानी और अन्य शुल्क का भुगतान भी नहीं कर रहे हैं। प्रबंधन के अनुसार, अवैध रूप से रह रहे लोगों के कारण मौजूदा कर्मचारियों को आवास नहीं मिल पा रहे और कॉलोनी की सुरक्षा व्यवस्था प्रभावित हो रही है। कंपनी ने अपील की है कि सभी सेवानिवृत्त कर्मचारी सहयोग करें, ताकि टाउनशिप का सौहार्दपूर्ण वातावरण और सुरक्षा बनी रहे।



