कोरबा (आधार स्तंभ) जिले के कटघोरा ब्लॉक अंतर्गत प्राथमिक शाला चुनचुनी में तीसरी क्लास में पढ़ने वाले मासूम छात्र अवल बंजारे की आंख में गंभीर चोट लगने की घटना पूरे क्षेत्र में सनसनी फैल गई है। आपको बता दे,कि इस गंभीर हादसे के बाद भी जिम्मेदारों पर अब तक कोई कड़ी कार्यवाही नहीं किया गया। इस घटना में शिक्षा व्यवस्था की लापरवाही, स्कूल प्रशासन की चुप्पी और विभागीय उदासीनता ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
बीईओ ने किया जांच, हुआ बड़ा खुलासा।
आपको बता दे,कि सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ब्लॉक शिक्षा अधिकारी (BEO) द्वारा किया गया प्रारंभिक जांच में यह पुष्टि हुआ है कि जिस दिन घटना हुआ उस दिन शिक्षिका इंद्राणी पाण्डेय स्कूल में अनुपस्थित थीं। मगर उन्होंने किसी को बिना सूचना दिए ड्यूटी से गैरहाजिर रहना स्वीकार नही रही है,और उसके जगह पर गोल मटोल जवाब दे रही। और यह भी सामने आया कि जब अवल बंजारे को चोट लगी और वह पीड़ा में था, उस समय वहां कोई भी जिम्मेदार शिक्षक मौजूद ही नहीं थे। जो चोट लगते ही तुरंत चिकित्सा या प्राथमिक सहायता दिला पाता।
अब तक नहीं किया गया कोई कार्यवाही
आपको बता दे,कि इंद्राणी पाण्डेय की भूमिका पर कई गंभीर सवाल उठ रहे हैं, लेकिन शिक्षा विभाग अब तक चुप्पी साधे बैठा हुआ है। न ही उन्हें ड्यूटी से निलंबित किया गया और न ही उनके विरुद्ध कोई विभागीय जांच शुरू हुई है।इसके विपरीत, अब वे मीडिया और विभाग को गुमराह करने के लिए लगातार गोलमोल जवाब दे रही।स्कूल के प्रधान पाठक कृष्ण कुमार, अन्य सहायक शिक्षिका, और संकुल अधिकारी की भूमिका भी संदेह के घेरे में है, क्योंकि उन्होंने भी इस गंभीर घटना को उपेक्षित किया है। 
लग सकती हैं ये धाराएं। 
इस घटना में भारत दंड संहिता (IPC) की निम्न धाराएं लागू हो सकती हैं।
* धारा 336 – मानव जीवन या व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालने वाला कार्य।
* धारा 337 – किसी के साथ लापरवाही से चोट पहुंचाना।
* धारा 338 – गंभीर चोट पहुंचाना, जिससे जीवन को खतरा हो इसके अलावा
* छत्तीसगढ़ शिक्षा सेवा नियमों के तहत शिक्षक की अनाधिकृत अनुपस्थिति
* बच्चों की सुरक्षा में लापरवाही|
* घटना की जानकारी छिपाना
* स्पष्ट रूप से दंडनीय अपराध हैं, और इसके तहत निष्कासन और आपराधिक कार्रवाई तक हो सकते है।
सबसे बड़ा सवाल – कौन देगा जवाब?
क्या मासूम अवल बंजारे के आंखों के इलाज का खर्च इस गरीब परिवार को मिलेगा?
क्या अवल को न्याय मिलेगा या फिर यह मामला भी फाइलों में दब जाएगा?
क्या अशोक बंजारे के सपनों का सहारा अब ऐसे ही अंधेरे में गुम हो जाएगा?
क्या शिक्षक वर्ग की इस लापरवाही को सरकार माफ कर देगी?
सुघर गांव की मांगे :
* इंद्राणी पाण्डेय को तत्काल ड्यूटी से हटाया जाए।
* सभी जिम्मेदारों पर कानूनी कार्रवाई की जाए।
* बच्चे के इलाज का पूरा खर्च शासन द्वारा संभाला जाए।
* मामले की स्वतंत्र जांच समिति गठित कर 7 दिन में रिपोर्ट सार्वजनिक किया जाए,और अवल बंजारे को इंसाफ दिलाया जाए।