रायपुर (आधार स्तंभ) : बंगाल की खाड़ी में बना चक्रवाती तूफान ‘मोंथा’ अब और ज्यादा ताकतवर हो गया है। मौसम विभाग के अनुसार, यह उत्तर-उत्तर पश्चिम दिशा की ओर बढ़ते हुए अब आंध्र प्रदेश के काकीनाडा तट से टकराने की स्थिति में है। चक्रवात मोंथा का असर अब छत्तीसगढ़ के दक्षिणी और मध्य हिस्सों तक पहुंचने लगा है। अगले तीन दिनों तक झमाझम बारिश के साथ 60 से 80 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने की संभावना है।
चक्रवात ‘मोंथा’ के बारे में विशाखापत्तनम चक्रवात चेतावनी केंद्र के अधिकारी जगन्नाथ कुमार ने बताया, “यह अब बंगाल की खाड़ी के पश्चिम-मध्य में एक गंभीर चक्रवाती तूफान में बदल गया है। यह वर्तमान में काकीनाडा से लगभग 240 किमी दक्षिण-दक्षिणपूर्व, मछलीपट्टनम से 160 किमी दक्षिण-दक्षिणपूर्व, विशाखापत्तनम से 320 किमी दक्षिण-दक्षिणपश्चिम और ओडिशा के गोपालपुर से 530 किमी दक्षिण-दक्षिणपश्चिम में है। यह उत्तर-उत्तरपश्चिम की ओर बढ़ना जारी रखेगा और आज शाम/रात को एक गंभीर चक्रवाती तूफान के रूप में मछलीपट्टनम और कलिंगपट्टनम के बीच काकीनाडा के आसपास आंध्र प्रदेश के तट को पार करेगा, उस वक्त इसकी रफ्तार 90 से 100 किलोमीटर प्रति घंटा होगी, जबकि झोंके 110 किमी प्रति घंटे तक पहुंच सकते हैं। इस कारण समुद्र में ऊंची लहरें उठ रही हैं और तटीय इलाकों में तेज़ हवाओं के साथ भारी बारिश शुरू हो चुकी है।
छत्तीसगढ़ में भी अलर्ट जारी
मौसम विभाग रायपुर ने बताया है कि चक्रवात मोंथा का असर अब छत्तीसगढ़ के दक्षिणी और मध्य हिस्सों तक पहुंचने लगा है। अगले तीन दिनों तक झमाझम बारिश के साथ 60 से 80 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने की संभावना है। बस्तर संभाग के सभी जिलों जगदलपुर, दंतेवाड़ा, सुकमा, बीजापुर, नारायणपुर और कोंडागांव में रेड अलर्ट जारी किया गया है। वहीं रायपुर, दुर्ग, धमतरी, बालोद, राजनांदगांव और गरियाबंद जिलों में भी मौसम खराब रहने की चेतावनी दी गई है।
मौसम विशेषज्ञ एच. पी. चिंधालोरे ने बताया कि “छत्तीसगढ़ में मोंथा का असर अगले तीन दिनों तक दिखेगा। बारिश के बाद तापमान में तेज़ गिरावट आएगी और ठंड का आगाज़ होगा।”
विभाग ने नागरिकों से अपील की है कि तेज़ हवाओं, बिजली गिरने और जलभराव की स्थिति को देखते हुए सतर्क रहें। अनावश्यक यात्रा से बचें और सुरक्षित स्थानों पर रहें।
मोंथा इस सीजन का सबसे प्रभावशाली चक्रवाती तूफान बन चुका है। आंध्र तट पर इसका टकराव सिर्फ तटीय राज्यों तक सीमित नहीं रहेगा – इसका असर छत्तीसगढ़, ओडिशा और पूर्वी महाराष्ट्र तक दिखेगा। आने वाले 72 घंटे बेहद अहम हैं – सतर्क रहें, सुरक्षित रहें।



