कोरबा (आधार स्तंभ) : जिला प्रशासन के मुख्यालय में गुरुवार को उस वक्त हड़कंप मच गया जब यह खुलासा हुआ कि कलेक्ट्रेट परिसर में 34 टन अमोनियम नाइट्रेट से भरा ट्रक पूरे एक दिन और रात तक खड़ा रहा। यह वही रसायन है जिसका उपयोग कोयला खदानों में विस्फोटक के रूप में किया जाता है।
मामले का खुलासा तब हुआ जब कर्मचारियों ने ट्रक के बारे में पूछताछ की। पता चला कि राज्य GST विभाग के दो अफसर — प्रभाकर उपाध्याय और अनिमोह सिंह बासवार — ने बुधवार रात गुजरात से कुसमुंडा की ओर जा रहे इस ट्रक को ई-वे बिल में गड़बड़ी की आशंका पर रोककर कलेक्ट्रेट परिसर में खड़ा करवा दिया था।
हैरानी की बात यह रही कि न तो विभाग ने जिला प्रशासन या पुलिस को इसकी जानकारी दी, और न ही माल की प्रकृति की जांच कर उसे सुरक्षित स्थान पर भेजा गया। ट्रक चालक ने कई बार चेतावनी दी कि उसमें अमोनियम नाइट्रेट लदा है, लेकिन अधिकारियों ने उसकी बात को नजरअंदाज कर दिया।
विशेषज्ञों का कहना है कि इतनी बड़ी मात्रा में अमोनियम नाइट्रेट किसी भी असावधानी से भयंकर विस्फोट का कारण बन सकता था। यदि परिसर में आग लगती या गर्मी बढ़ती, तो पूरा इलाका खतरे में पड़ सकता था।
फिलहाल मामले की सूचना मिलते ही वरिष्ठ अधिकारियों ने जांच के आदेश दिए हैं। प्रशासनिक हलकों में यह चर्चा का विषय बन गया है कि यदि ज़रा-सी भी चूक होती तो कलेक्ट्रेट परिसर में भयावह हादसा हो सकता था।



