कुसमुंडा में 24 सितंबर को 10 सूत्रीय मांगों को लेकर किसान सभा और रोजगार एकता संघ के भूविस्थापित किसानों ने दी कार्यालय घेराव की चेतावनी.…

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कोरबा (आधार स्तंभ) :  लंबे समय से रोजगार और पुनर्वास की मांग कर रहे भूविस्थापित किसान अब आंदोलन की राह पर हैं। छत्तीसगढ़ किसान सभा और भूविस्थापित रोजगार एकता संघ ने घोषणा की है कि 24 सितंबर को कुसमुंडा कार्यालय का घेराव किया जाएगा।

आंदोलन के लिए आयोजित बैठक में बताया गया कि किसानों की 10 सूत्रीय मांगों में अधिग्रहित जमीन के बदले लंबित रोजगार प्रकरणों का निपटारा, उचित मुआवजा, पूर्व में अधिग्रहित जमीन की वापसी, प्रभावित गांवों के बेरोजगारों को खदान में रोजगार, पुनर्वास गांवों में काबिज भूमि का पट्टा समेत अन्य प्रमुख मुद्दे शामिल हैं।

नेताओं ने बताया कि 20 अगस्त को कुसमुंडा खदान बंदी के दौरान प्रबंधन ने त्रिपक्षीय वार्ता और उच्च स्तरीय बैठक का आश्वासन दिया था, लेकिन अब तक वादों को पूरा नहीं किया गया। इससे किसानों और भूविस्थापितों में भारी आक्रोश है।

भूविस्थापित रोजगार एकता संघ के अध्यक्ष रेशम यादव, किसान सभा के नेता दामोदर श्याम, जय कौशिक, दीपक साहू और सुमेंद्र सिंह ने सभी भूविस्थापितों से आंदोलन को सफल बनाने की अपील की है।

किसान सभा के प्रदेश संयुक्त सचिव प्रशांत झा ने कहा कि कोयला उत्खनन के लिए 40 वर्ष पहले हजारों एकड़ जमीन अधिग्रहित की गई थी, लेकिन आज भी हजारों किसान रोजगार और पुनर्वास से वंचित हैं। उन्होंने कहा कि किसान सभा भूविस्थापितों के संघर्ष में उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है।

भूविस्थापित नेताओं ने आरोप लगाया कि एसईसीएल और जिला प्रशासन मिलकर किसानों से धोखाधड़ी कर रहे हैं। ऐसे में किसान सभा और अन्य संगठन मिलकर आंदोलन को और तेज करेंगे, ताकि भूविस्थापितों को न्याय दिलाने के लिए सरकार और प्रबंधन पर दबाव बनाया जा सके।

 

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