करतला(आधार स्तंभ) : सचिव की लापरवाही के कारण नहीं हो सका विशेष ग्राम सभा। ग्राम पंचायत चिचोली का मामला। छ. ग. पंचायत राज अधिनियम 1993 का उल्लंघन।

छ. ग. पंचायत राज अधिनियम 1993 की धारा 6 (1) (क) में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए कोरबा कलेक्टर श्री अजीत वसंत द्वारा कोरबा जिले के समस्त ग्राम पंचायतों में 25 जून को व उनके आश्रित ग्रामों में 26 एवं 27 जून को विशेष ग्राम सभा आयोजित करने का आदेश जारी किया गया था। जिसमें छ. ग. पंचायत राज अधिनियम 1993 की धारा 129 (ख) (3) के तहत ग्राम सभा में गणपूर्ति कराने का दायित्व संबंधित सरपंच, पंच एवं सचिव का होता है। किंतु करतला विकासखंड के ग्राम पंचायत चिचोली में सचिव संवित साहू की लापरवाही से ग्राम सभा का ही आयोजन नहीं हुआ।
छत्तीसगढ़ पंचायत राज अधिनियम 1993 की धारा 6 ग्राम सभा के सम्मिलन (बैठक) और उससे संबंधित प्रावधानों को परिभाषित करती है। चूंकि पंचायती राज अधिनियम राज्य सूची का विषय है अतः छत्तीसगढ़ में, ग्राम सभा की बैठकें छत्तीसगढ़ पंचायती राज अधिनियम 1993 के अनुसार वर्ष में कम से कम चार बार आयोजित करना अनिवार्य है। ये बैठकें आमतौर पर 23 जनवरी, 14 अप्रैल, 20 अगस्त और 2 अक्टूबर को होती हैं। इसके अतिरिक्त, जून और नवंबर के महीनों में भी सुविधाजनक तिथियों पर ग्राम सभा की बैठक आयोजित की जा सकती है। कोरबा कलेक्टर द्वारा जिले के समस्त ग्राम पंचायतों को जून के माह में 25 तारीख को विशेष ग्राम सभा के आयोजन करने के लिए आदेश जारी किया एवं कार्यवाही विवरण, वीडियो व फोटोग्राफ संबंधित कार्यालय को अनिवार्य रूप भेजने का आदेश दिया गया जिसे चिचोली पंचायत द्वारा अनदेखा कर दिया गया। 25 जून को यह विशेष ग्राम सभा केवल इसलिए टाल दिया गया क्योंकि चिचोली पंचायत के सचिव संवित साहू उस दिनांक को उपस्थित नहीं थे । अब किसी सचिव द्वारा इस तरह पंचायती राज अधिनियम की अवमानना करना कहाँ तक उचित है यह तो प्राधिकृत उच्चाधिकारियों द्वारा ही तय किया जाएगा।