करतला (आधार स्तंभ) : करतला विकासखंड के ग्राम पंचायतों में ठेकेदारी प्रथा जोरों पर है। पंचायत द्वारा कमीशन लेकर ठेकेदार को दे दिया जाता है काम। निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर उठ रहा प्रश्नचिन्ह?
करतला विकासखंड के पंचायतों में बाहरी ठेकेदार हावी हो चुके हैं। वर्तमान में पंचायत में आने वाले अधिकतर कार्यों को कमीशन लेकर ठेकेदारों को दे दिया जा रहा है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नीरज मिश्रा नामक ठेकेदार द्वारा करतला विकासखंड के अधिकतर ग्राम पंचायतों में निर्माण कार्य किया जा रहा है। बताया जाता है कि नीरज मिश्रा द्वारा सरपंच, सचिव को निर्माण कार्य के लागत का 10 से 20 प्रतिशत राशि कमीशन के रूप में दिया जाता है और फिर निर्माण कार्य किया जाता है। निर्माण कार्य का ऑफिस खर्च भी लगभग 15 से 20 प्रतिशत लगता है जो कि नीरज मिश्रा द्वारा खर्च किया जाता है। अब सोचने वाली बात यह है कि लगभग 40 प्रतिशत कमीशन में खर्च हो जाता है फिर निर्माण कार्य में खुद के लिए भी 10 से 20 प्रतिशत की राशि ठेकेदार द्वारा बचाई जाती है। इस तरह निर्माण कार्य के लागत की राशि का लगभग 50 से 60 प्रतिशत तो कमीशन और कमाई में चला गया तो बचे हुए लगभग 40 प्रतिशत राशि से किस स्तर का निर्माण कार्य हो सकता है।
इससे साफ साफ प्रतीत होता है कि ठेकेदार नीरज मिश्रा द्वारा किये जा रहे निर्माण कार्य की गुणवत्ता बहुत ही निम्न स्तर की है। कुछ दिनों पूर्व करतला के जनपद उपाध्यक्ष मनोज झा द्वारा करतला ब्लॉक में ठेकेदारी प्रथा पर रोक लगाने की बात कही गई थी किंतु वर्तमान में नीरज मिश्रा द्वारा कई सारे पंचायतों में किये जा रहे निर्माण कार्य से ऐसा लगता है कि मनोज झा ठेकेदारी प्रथा पर रोक लगाने में असफल हो गए हैं। नीरज मिश्रा द्वारा सरपंच, सचिव से लेकर अधिकारियों को कमीशन में बांधकर मनमाने तरीके से घटिया निर्माण कार्य किया जा रहा है। अपुष्ट जानकारी के अनुसार कुछ जनप्रतिनिधियों का भी नीरज मिश्रा को संरक्षण प्राप्त है जिसकी वजह से उसके द्वारा बेधड़क होकर करतला ब्लॉक में मनमाना कार्य किया जा रहा है।