कोरबा (आधार स्तंभ) : करतला क्षेत्र इन दिनों जुआड़ियों के लिए अड्डे का स्वरूप लेता जा रहा है। गोढ़ी जंगल, चाकामार और कोकोमा जंगल में बड़े पैमाने पर जुआ-सट्टा संचालित होने की जानकारी सामने आ रही है। स्थानीय लोगों का कहना है कि जुआ गतिविधियों के चलते क्षेत्र का सामाजिक माहौल लगातार बिगड़ रहा है, लेकिन थाना पुलिस और सायबर टीम की चुप्पी कई सवाल खड़े कर रही है। ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिस की कथित “सेटिंग” के कारण यहां यह अवैध कारोबार खुलेआम फल-फूल रहा है। हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं है।
ग्रामीणों के अनुसार प्रतिदिन इन अड्डों पर सैकड़ों की संख्या में जुआरी जुटते हैं, जिनमें कोरबा के अलावा जांजगीर-चाम्पा जिले के लोग भी शामिल होते हैं। बताया जाता है कि यहां मशहूर 52 परी गेम में हर घंटे 50 हजार रुपये तक की वसूली होती है और रोज लाखों रुपये का दांव लगता है। जुआ संचालन से जुड़े लोगों में स्थानीय और बाहरी दोनों क्षेत्रों के लोग शामिल होने की चर्चा है।
चौंकाने वाली बात यह है कि बॉस के बाद अब सिपालसार नामक व्यक्ति के इस पूरे जुआ नेटवर्क का मोर्चा संभालने की बात सामने आ रही है, जबकि कानून-व्यवस्था की जिम्मेदारी संभालने वाली पुलिस लगातार खामोश बनी हुई है। ग्रामीणों का कहना है कि मोटी रकम के प्रवाह ने प्रशासन की आंख-कान बंद कर दिए हैं।
एक जुआरी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि इन अड्डों पर पुलिस का दबाव नहीं है, जिसके चलते जुआ बिना किसी भय के संचालित हो रहा है। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि जल्द से जल्द इन अवैध गतिविधियों पर रोक लगाई जाए, ताकि क्षेत्र में बिगड़ते माहौल को नियंत्रित किया जा सके।



