उपसंचालक पंचायत जैसे महत्वपूर्ण पद सहायक परियोजना अधिकारी के भरोसे, प्रशासन की कार्यप्रणाली पर उठा सवाल

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कोरबा (आधार स्तंभ) : कोरबा जिला छत्तीसगढ में राजस्व के मामले में अपना अलग पहचान रखता है। यहाँ जिम्मेदार पदों पर आसीन होने के लिये संबंधित अधिकारी, कर्मचारी उस पद पर बैठने के लिये सारी जुगाड़ बना लेते हैं और वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों का उन्हें संरक्षण भी मिल जाता है। कोरबा जिला के ऐसे कई विभाग है जो प्रभारियों के भरोसे संचालित हो रही है। प्रभार में भी ये स्थिति बनाया जाता है कि कमाऊ पुत कौन हो सकता है भले ही वह अधिकारी/कर्मचारी प्रभारी पद के समकक्ष हो या न हो।

इसका ताजा उदाहरण कोरबा जिला के ग्रामीण क्षेत्रों में राजनीतिक सुशासन व्यवस्था पंचायतों में नियंत्रण करने वाले विभाग उप संचालक पंचायत के पद पर पदस्थ रहे सुश्री जुली तिर्की के स्थानान्तरण होने पर देखने को मिल रहा है। जुली तिर्की के स्थानांतरण के पश्चात इस पद पर सहायक परियोजना अधिकारी (एपीओ) मोहनीश ए देवांगन को प्रभार दे दिया गया है। इस पद पर अभी तक विभागीय अधिकारी डिप्टी कलेक्टर या प्रभार के रूप में रहे जिला पंचायत में पदस्थ परियोजना अधिकारी जिम्मेदारी निभाते रहे है। किन्तु संभवतः यह पहला अवसर होगा की सहायक परियोजना अधिकारी (एपीओ) को इस पद की जिम्मेदारी दे दिया गया है। जिससे यह प्रतीत होता है कि कहीं न कहीं कमाऊ पुत की व्यवस्था बनाई गई है।

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