कुसमुंडा (आधार स्तंभ) : एसईसीएल के कुसमुंडा क्षेत्र में आवास आवंटन में जमकर खेला हो रहा है। स्थिति यह है कि कुसमुंडा के जूनियर कर्मचारी कंपनी के मकानों में रह रहे हैं और सीनियर कर्मचारियों को किराए पर मकान लेकर रहना पड़ रहा है। कुसमुंडा क्षेत्र में हो रहे आवास आवंटन में गड़बड़ी को लेकर अब श्रमिक संगठन बीएमएस ने मोर्चा खोल दिया है और कर्मचारियों को उनकी वरीयता के आधार पर आवास आवंटन की मांग प्रबंधन से की है।
वहीं कुछ दिनों पहले संयुक्त श्रमिक संगठनों के आंदोलन के ऐलान और प्रबंधन से हुई चर्चा के बाद बीएमएस को छोड़ जिस तरह से चार अन्य श्रमिक संगठनों ने कर्मचारियों के आवास आवंटन से जुड़े मुद्दे पर प्रबंधन के समक्ष प्रस्ताव रखा और समझौता कर आंदोलन स्थगित कर दिया उसको लेकर भी सवाल उठ रहे हैं।
बैठक के मिनट्स सामने आने के बाद इस विषय पर चार यूनियन एसईकेएमसी, एसकेएमएस, एचएमएस और केएसएस ने आबंटन को लेकर जो सुझाव रखें, उसके अनुसार कुसमुंडा क्षेत्र में 94 क्वार्टरों का आवंटन श्रमिक संगठनों के सुझाए गए तरीके से करने के लिए कहा गया।
वहीं इस विषय पर प्रबंधन की ओर से श्रमिक संगठनों द्वारा उठाए गए आवास आवंटन संबंधी आदेशों की समय सीमा निश्चित कर दी गई है। बीएमएस ने इस मुद्दे को लेकर भी अब सीधे-सीधे चारों यूनियनों की भूमिका पर ही सवाल उठाए हैं। क्योंकि बैठक में सिर्फ बीएमएस यूनियन की ओर से ही कर्मचारियों को वरीयता के आधार पर आवास आवंटन की मांग रखी गई थी।
बीएमएस ने कुसमुंडा महाप्रबंधक को पत्र देकर आवास आबंटन में गड़बड़ी की शिकायत की है और कहा है कि इससे कर्मचारियों और संगठन के पदाधिकारियों में नाराजगी है। संगठन ने कहा कि आवास आबंटन की गड़बड़ी रोकी जाए ताकि भविष्य में इसके कारण कोई विवाद उत्पन्न न हो और कोयला उत्पादन पर इसका विपरित असर न पड़े। कर्मचारियों को वरीयता के आधार आवंटन हो।



