मेटा ने फेसबुक पर ऑनलाइन ठगी के खिलाफ की बड़ी कार्रवाई, 23,000 फर्जी अकाउंट्स और पेज हटाए

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नई दिल्ली (आधार स्तंभ) :  सोशल मीडिया दिग्गज मेटा ने फेसबुक पर सक्रिय एक बड़े फ्रॉड नेटवर्क को निशाना बनाते हुए भारत और ब्राजील में 23,000 से ज्यादा फर्जी अकाउंट्स और पेज हटा दिए। ये अकाउंट्स और पेज नकली निवेश योजनाओं और जुए की वेबसाइट्स के जरिए यूजर्स को ठगने की कोशिश कर रहे थे।

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ऐसे काम करता था फ्रॉड नेटवर्क-

स्कैमर्स ने ठगी के लिए सेलिब्रिटीज के डीपफेक वीडियो का सहारा लिया, जिसमें मशहूर यूट्यूबर्स, क्रिकेटर्स और कारोबारी हस्तियों को फर्जी निवेश ऐप्स या जुए की वेबसाइट्स का प्रचार करते दिखाया जाता था। इन वीडियो का मकसद यूजर्स को गुमराह कर नकली वेबसाइट्स या ऐप्स की ओर खींचना था।

ठगी का तरीका-

यह ठगी बेहद सुनियोजित थी। पहले फेसबुक पर ‘जल्दी अमीर बनने’ के लुभावने ऑफर्स वाली पोस्ट्स डाली जाती थीं। फिर यूजर्स को व्हाट्सएप या टेलीग्राम जैसे मैसेजिंग प्लेटफॉर्म्स पर ले जाया जाता, जहां उन्हें गूगल प्ले स्टोर जैसी दिखने वाली फर्जी वेबसाइट्स पर भेजा जाता था। इन वेबसाइट्स से यूजर्स को जुए या नकली निवेश ऐप्स डाउनलोड करने के लिए प्रेरित किया जाता था।

मेटा का बयान-

मेटा ने बताया कि यह फ्रॉड नेटवर्क क्रिप्टोकरेंसी, शेयर बाजार और रियल एस्टेट में भारी मुनाफे का झांसा देकर लोगों को फंसाता था। फेसबुक मार्केटप्लेस पर भी स्कैमर्स सक्रिय थे, जो फर्जी सेलर बनकर एडवांस पेमेंट लेते और रिफंड के बहाने दोनों रकम लेकर गायब हो जाते थे।

नई सुरक्षा पहल-

मेटा ने प्लेटफॉर्म की सुरक्षा बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए हैं। अब संदिग्ध अकाउंट्स या डिलीवरी से पहले पेमेंट मांगने वाले अकाउंट्स के खिलाफ यूजर्स को चेतावनी मैसेज दिखाया जाएगा। साथ ही, सेलिब्रिटी डीपफेक फ्रॉड रोकने के लिए फेशियल रिकग्निशन तकनीक का वैकल्पिक उपयोग शुरू किया गया है।

सरकारी सहयोग-

मेटा भारत सरकार की एजेंसियों, जैसे दूरसंचार विभाग (DoT), उपभोक्ता मामले विभाग (DoCA) और भारतीय साइबर क्राइम केंद्र (I4C) के साथ मिलकर डिजिटल सुरक्षा और जागरूकता को बढ़ा रहा है। सात राज्यों में पुलिस और अधिकारियों को ऑनलाइन स्कैम से निपटने की ट्रेनिंग भी दी गई है।

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